चीन, ग्वादर बंदरगाह को चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर के हिस्से के रूप में विकसित कर रहा है जिसे CPEC के नाम से भी जाना जाता है। 2015 में दोनों देशों ने 15 साल का संयुक्त मेगा प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। उस समय शी जिनपिंग ने इस्लामाबाद का दौरा भी किया था।
पाकिस्तान के विकास में चीन 46 बिलियन का निवेश कर रहा है। चीन का लक्ष्य है कि वह ग्वादर बंदरगाह को पश्चिमी चीन से जोड़े और ग्लोबल ट्रेड के लिए पाकिस्तान के जरिये सुरक्षित रास्ते का निर्माण करे। इसके जरिये केंद्रीय एशियाई देशों और अफगानिस्तान में भी व्यापार किया जायेगा।
ग्वादर बंदरगाह पर काम पूरा हो जाने के बाद चीन का माल ट्रकों के जरिये पाकिस्तान पहुंचाया जा सकेगा। इस साल के आखिरी तक बंदरगाह 1 मिलियन टन कार्गो का प्रबंधन करने में सक्षम होगा। अगले पांच सालों में ग्वादर बंदरगाह साउथ एशिया का सबसे बड़ा शिपिंग सेंटर बन जायेगा जिसकी सालाना प्रबंधन क्षमता 13 मिलियन टन कार्गो की होगी। रिपोर्टस के मुताबिक 2030 तक यह 400 मिलियन टन कार्गो का प्रबंधन करने में सक्षम होगा।
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