यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमीन झापरोवा रविवार को भारत की चार दिवसीय यात्रा शुरू करेंगी। पिछले साल रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद पूर्वी यूरोपीय देश की ये पहली आधिकारिक यात्रा है। इस दौरान वह विदेश मंत्रालय के सचिव और मंत्री मिनाक्षी लेखी से भी मुलाकात करेंगी।
यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमीन झापरोवा रविवार को भारत की चार दिवसीय यात्रा शुरू करेंगी, पिछले साल रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद पूर्वी यूरोपीय देश की पहली आधिकारिक यात्रा।
झापरोवा विदेश मंत्रालय (एमईए) में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा के साथ बातचीत करेंगी। उम्मीद है कि यूक्रेन की उप विदेश मंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूक्रेन आने का निमंत्रण दे सकती हैं। MEA ने शनिवार को एक बयान में झापरोवा की भारत यात्रा की घोषणा की।
एमिन 9 से 12 अप्रैल तक करेंगी भारत की यात्रा
मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि यूक्रेन के विदेश मामलों की पहली उप मंत्री एमिन झापरोवा 9 से 12 अप्रैल तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगी।
बयान में आगे कहा गया है कि झापरोवा वर्मा के साथ बातचीत करेंगी, जिसमें दोनों पक्षों के द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने, यूक्रेन की मौजूदा स्थिति और आपसी हित के वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने की उम्मीद है।
मीनाक्षी लेखी से भी करेंगी मुलाकात
झापरोवा विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी से भी मुलाकात करेंगी और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिश्री से भी मुलाकात करेंगी।
चूंकि यूक्रेन संघर्ष पिछले साल फरवरी में शुरू हुआ था, प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ यूक्रेनी नेता वलोडिमिर जेलेंस्की से कई बार फोन पर बातचीत की है।
पिछले साल जेलेंस्की ने PM मोदी से की थी बात
पिछले साल 4 अक्टूबर को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ एक फोन पर बातचीत में पीएम मोदी ने कहा था कि किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई समाधान नहीं हो सकती है और भारत हर प्रकार के शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है।
भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है और भारत हमेशा से ही यह कहता रहा है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत यूक्रेन के साथ मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध और बहुमुखी सहयोग साझा करता है।
मंत्रालय के बयान में कहा गया कि कूटनीतिक संबंध स्थापित करने के पिछले 30 वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग ने व्यापार, शिक्षा, संस्कृति और रक्षा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है।