यूक्रेन ने ड्रोन्स से रूस के एक प्रमुख गैस प्रसंस्करण संयंत्र को निशाना बनाया है। हमले के चलते रूसी गैस संयंत्र में भीषण आग लग गई। आग से संयंत्र को भीषण नुकसान हुआ, जिससे संयंत्र की कजाखस्तान से होने वाली गैस आपूर्ति को रोकना पड़ा। यूक्रेन का रूस पर यह हमला ऐसे समय सामने आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया कि रूस के साथ युद्धविराम के लिए यूक्रेन को अपनी जमीन छोड़नी पड़ सकती है।
दुनिया के सबसे बड़े गैस संयंत्रों में से एक
दक्षिणी रूस स्थित ओरेनबर्ग संयंत्र, जो सरकारी स्वामित्व वाली गैस कंपनी गाजप्रोम द्वारा संचालित है। यह संयंत्र ओरेनबर्ग नामक रूसी क्षेत्र में कजाखस्तान सीमा के नजदीक स्थित है। यहां कजाखस्तान से आने वाली गैस और ओरेनबर्ग से निकलने वाली गैस का प्रसंस्करण होता है। यह दुनिया की सबसे बड़ी गैस प्रसंस्करण सुविधाओं में से एक है, जिसकी वार्षिक क्षमता 45 अरब क्यूबिक मीटर है। स्थानीय गवर्नर येवगेनी सोलन्त्सेव ने बताया कि ड्रोन हमलों ने संयंत्र की एक कार्यशाला में आग लगा दी और उसका एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। यूक्रेन की तरफ से हाल के महीनों में रूस के ऊर्जा संयंत्रों पर हमले तेज किए गए हैं। यूक्रेन की कोशिश है कि रूस के युद्ध को वित्तपोषित करने वाले उसके तेल के व्यापार को नुकसान पहुंचाया जाए।
ट्रंप के रुख में आया बदलाव, पुतिन का किया समर्थन
वहीं ट्रंप का कहना है कि शांति के लिए यूक्रेन को अपनी जमीन छोड़नी पड़ सकती है। गुरुवार को एक अमेरिकी मीडिया को दिए इंटरव्यू में जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, युद्ध रोकने के लिए यूक्रेन की जमीन पर कब्जा छोड़ने के लिए तैयार होंगे? इस पर ट्रंप ने कहा कि ‘ठीक है, वह कुछ तो लेंगे ही। उन्होंने युद्ध लड़ा और उनके पास बहुत सारी संपत्ति है। उन्होंने कुछ संपत्ति जीती भी है।’ ट्रंप ने कहा ‘हम एकमात्र देश हैं जो युद्ध में जाता है, जीतता है और फिर युद्ध छोड़ देता है।’
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