मुंबई: शिवसेना ने एक बार फिर अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में मोदी सरकार पर हमला बोला है. सामना ने संपादकीय में लिखा है कि गुजरात के विकास का क्या हुआ? ‘ये पुछते ही विकास पागल हो गया है’ ऐसा खुद गुजरात की जनता कह रही है. सिर्फ गुजरात ही क्यों पूरे देश में विकास पागल हो गया है कि तस्वीर खुद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सामने ला रहे हैं.
सामना ने आगे लिखा है कि राहुल गांधी ने बड़ी समझदारी भारी टिप्पणी की है कि विकास के बारे में कुछ लोगों ने बड़ी गप हांकी इसलिए विकास पागल हो गया होगा. ईवीएम मशीन में घोटाला करके तथा पैसों का इस्तेमाल करके चुनाव जीत लिया तो विकास हो गया ऐसा कुछ लोगों को लगता है, लेकिन विकास की अवस्था विकट हो गई है.
मनमोहन सिंह, पी चिदंबरम जैसे वित्त विशेषज्ञों ने कल तक जब यही कहने की कोशिश की तब उन्हें पागल कहने की कोशिश की गई, लेकिन अब तो खुद बीजेपी के ही पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने ही विकास की हवा निकाल दी है. देश की विकास दर 5.7 प्रतिशत होने की बात कही जा रही है जबकि असल में यह 3.7 फीसदी है. ये दावा करने के बाद यशवंत सिंहा भी बेइमान या राष्ट्रद्रोही ठहराए जा सकते हैं. रशिया में स्टॅलिन राज के खिलाफ बोलने वाले एक-एक रात में गायब हो जाते हैं. यशवंत सिन्हा को सच बोलने की क्या सजा मिलती है ये देखना होगा.
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सामना ने आगे लिखा है कि सिन्हा अगर गलत है तो सिद्ध करो कि उनके द्वारा लगाए गए आरोप झूठे हैं. बीजेपी के भी कई लोगों में गिरती अर्थव्यवस्था के प्रति नाराजगी है, लेकिन अनजाने भय के चलते कोई बोलने को तैयार नहीं है. देश का बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है.
संपादकीय में आगे लिखा है कि सिन्हा कोई ऐरे गैरे नहीं हैं, वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्तमंत्री थे इसलिए उनका बयान सिर्फ सोशल मीडिया पर नियुक्त किए गए वेतनधारी प्रचारकों की फौज झुठा साबित नहीं कर सकती. संपादकीय में दावा किया गया है कि ये सब हमने साल भर पहले कह दिया था तब हम देशद्रोही ठहराए गए थे. अब यशवंत सिन्हा ठहराए जाएंगे.