एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) पर रोक लगाने वाले बिल को राज्यसभा में पास कराने में सफल नहीं रही सरकार अब दूसरे रास्ते पर गौर कर रही है। मोदी सरकार एक बार में तीन तलाक को आपराधिक घोषित करने के लिए अब इसपर अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है।
बिल में आपराधिक प्रावधानों पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और कुछ महिला संगठनों को भी आपत्ति है। बिल में ट्रिपल तलाक को एक संज्ञेय और गैर जमानती अपराध घोषित करते हुए तीन साल की सजा का प्रस्ताव किया गया है। कम से कम आधा दर्जन बीजेपी की सरकार वाले राज्यों ने बिल का समर्थन किया है। हालांकि तमिलनाडु की सत्ता में बैठी और एनडीए की सहयोगी टीडीपी को भी बिल में ट्रिपल तलाक के अपराधीकरण पर आपत्ति है।