नई दिल्ली: फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं. वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया, ”चतुर्वेदी लड़ाकू विमान को अकेले उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं, उन्होंने मिग- 21 बाइसन को अकेले उड़ाया है. इस तरह की यह उनकी पहली उड़ान थी”.
अवनी ने यह विमान जामनगर वायुसेना स्टेशन से उड़ाया. लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए तीन महिला पायलट अवनी चतुर्वेदी, भावना कांत और मोहना सिंह को कड़ा प्रशिक्षण दिया गया है. जून 2016 में भारतीय वायुसेना में पहली बार इन तीनों के रूप में महिला अफसर शामिल होकर पायलट बनीं थीं. भावना कांत, मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी को वायुसेना एकेडमी में कमीशन मिला था.
इससे पहले दुनिया में सिर्फ ब्रिटेन, अमेरिका, इजरायल और पाकिस्तान में ही महिलाएं फाइटर पायलट बन सकती थीं. भारत सरकार ने महिलाओं को 2015 में फाइटर पायलट के लिए अनुमति दी थी. देश में 1991 से ही महिलाएं हेलिकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ा रही हैं, लेकिन फाइटर प्लेन से उन्हें दूर रखा जाता था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 28 जनवरी को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में महिलाओं के मुद्दे पर चर्चा करते हुए अवनी की उपलब्धि का जिक्र किया था. पीएम ने कहा था कि तीन बहादुर बेटियां भावना कांत, मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी फाइटर पायलट बनी हैं और सुखोई विमान उड़ाने का प्रशिक्षण ले रही हैं.