महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने किसानों की आए दिन हो रही आत्महत्या को लेकर एक बयान दिया। उन्होंने कहा कि किसानों की आत्महत्या कोई नई बात नहीं है और ऐसी घटनाएं कई सालों से हो रही हैं।

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री ने किसानों की आए दिन हो रही आत्महत्या को लेकर एक बयान दिया। उन्होंने कहा कि किसानों की आत्महत्या कोई नई बात नहीं है और ऐसी घटनाएं कई सालों से हो रही हैं। हाल ही में सत्तार के निर्वाचन क्षेत्र सिल्लोड़ में किसानों ने आत्महत्या की थी, जिसके बाद पत्रकारों ने इस मुद्दे पर उनकी टिप्पणी मांगी।
किसान आत्महत्या का मामला कोई नया नहीं
पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में राज्य कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि का मामला कोई नया नहीं है। ऐसी घटनाएं कई सालों से हो रही हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के सदस्य सत्तार ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र सहित महाराष्ट्र में कहीं भी किसानों की आत्महत्या नहीं होनी चाहिए।
समिति का गठन किया गया
पुलिस के मुताबिक, तीन से 12 मार्च के दौरान में कम से कम दो किसानों ने आत्महत्या कर ली है। वहीं, सूत्रों ने दावा किया है कि इसी अवधि के दौरान मराठवाड़ा क्षेत्र के औरंगाबाद जिले में कम से कम छह किसानों ने बढ़ते कर्ज के कारण आत्महत्या की। सत्तार ने कहा कि इस मुद्दे के अध्ययन के लिए कृषि आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है।
एक रुपये में फसल बीमा
इससे पहले, सत्तार ने 12 मार्च को पिछले सप्ताह बेमौसम बारिश के कारण को हुए नुकसान का निरीक्षण किया था। मंत्री ने कहा कि सरकार एक बार समिति की सिफारिशों पर काम करेगी। उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार ने किसानों के लिए कई पहल की हैं। हम उन्हें सिर्फ एक रुपये में फसल बीमा दे रहे हैं।’ 9 मार्च को पेश किए गए अपने पहले बजट में, एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार ने किसानों को 6,000 रुपये की सहायता और 1 रुपये की फसल बीमा योजना का प्रस्ताव दिया है।
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