नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कल सोमवार को सेंट्रल विस्टा पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसका विरोध करने वालों को जमकर लताड़ा है। इसी दौरान उन्होंने खुलासा किया कि 60 रिटायर्ड नौकरशाहों के एक समूह ने इस प्रोजेक्ट के विरोध में पत्र लिखा था, जिसमें दावा किया था कि नए संसद का निर्माण अंधविश्वास का नतीजा है। केंद्रीय मंत्री ने इन पूर्व नौकरशाहों को पढ़ा-लिखा मूर्ख कहा है।

बता दें कि इन पूर्व नौकरशाहों ने प्रोजेक्ट्स के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा था। इस पत्र को सबके सामने पढ़ते हुए पुरी ने कहा कि, “ये बड़ा दिलचस्प है कि हमारे 60 पढ़े-लिखे मूर्खों ने कहा है कि अगर रिपोर्ट्स पर यकीन किया जाए, तो अंधविश्वास के कारण नए संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है, क्योंकि पुरानी इमारत अशुभ है।” पुरी ने कहा है कि अगर आपका 40 वर्षों का अनुभव हो, तो क्या आप इस बात पर विश्वास करेंगे कि रिपोर्ट्स क्या कहती हैं?
इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने लेटर पर हस्ताक्षर करने वाले पूर्व ब्यूरोक्रेट्स पर हमला बोलते हुए कहा कि, “आप उस वक़्त कैबिनेट सेक्रेट्री थे, जिन्होंने इस पर दस्तखत किए। आपकी सरकार ने उस वक़्त 2012 में कहा था कि नई संसद की आवश्यकता है। अब 2021 में ये क्यों कह रहे हैं कि ये नई संसद इसलिए बनाई जा रही है, क्योंकि इसके पीछे अंधविश्वास है।” पुरी ने आगे कहा कि, “ये पढ़े-लिखे मूर्ख हैं, ये देश के लिए अपमान हैं। मैं कभी भी अपने दस्तखत ऐसे पत्र पर न करूँ जिसमें अंधविश्वास की बात लिखी गई हो।”
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