भारत ने यूनाइटेड नेशन्स (यूएन) में आतंकवाद को सपोर्ट करने वाले पाकिस्तान को फिर घेरने की कोशिश की है। यूएन में भारत के परमानेंट रिप्रेजेंटेटिव सयैद अकबरुद्दीन ने कहा कि तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, जैश-ए-मोहम्मद, दाएश, अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में देरी न हो और साथ ही किसी सफाई का इंतजार नहीं किया जाना चाहिए।

इंटरनेशनल कम्युनिटी को अकबरुद्दीन ने सलाह दी कि अच्छे और बुरे आतंकवाद के खेल में फंसने से काफी देर हो जाती है। उन्होंने कहा कि कोशिश की जाए की आतंकवादियों को पनाह न मिल सके। ऐसा माना जाता है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान सरकार के खिलाफ आतंकियों का इस्तेमाल करता है।
आतंवाद की मार झेल रहे अफगानिस्तान पर चिंता जाहिर करते हुए अकबरूद्दीन ने पूछा कि आतंकी हमला करने वालों को हथियार और गोला बारुद आखिर कहां से मिल रहे हैं? इतना ही नहीं उन्हें फंडिंग भी कैसे हो रही है? इससे पहले भी वे कई बार पिछले साल पाकिस्तान की किरकिरी कर चुके हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि जैसा बोओगे, वैसी ही काटोगे। उन्होंने कहा कि अक्ल का इस्तेमाल कीजिए और अमन पर जोर देने के बीज बोएं।
मानवाधिकार उल्लंघन का कार्ड खेलकर पिछले साल की बैठक में पाकिस्तान ने बुरहान वानी का पक्ष रखने की कोशिश की थी। पाक की ओर से कहा गया कि वो एक कश्मीरी नेता था और उनकी हत्या की गई है। इसका जवाब देते हुए भारत ने कहा था कि पाकिस्तान घाटी में हिंसा की हर कोशिश कर रहा है।
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