नई दिल्ली पी ऍम नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत और इंडोनेशिया समुद्री रास्ते की सुरक्षा और बचाव सुनिश्चित करने पर सहमत हैं जबकि रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को प्राथमिकता दे रहे हैं।
भारत दौरे पर आए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ आज मेरी विस्तृत बातचीत हमारे सहयोग के पूरे में क्षेत्र पर केंद्रित था। दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बातचीत के बाद दोनों नेताओं की यह बातचीत हुई। हमलोग रक्षा और सुरक्षा सहयोग को प्राथमिकता देने पर सहमत हैं। चूंकि दोनों महत्वपूर्ण समुद्री राष्ट्र पड़ोसी भी हैं, हमलोग समुद्री रास्तों को सुरक्षा और बचाव, आपदा प्रतिक्रिया और पर्यावरणीय संरक्षण में सहयोग सुनिश्चित करने में सहयोग के लिए सहमत हुए हैं। मोदी ने कहा कि सोमवार की बातचीत के बाद समुद्री सहयोग पर जो हस्ताक्षर हुआ यह इस क्षेत्र में हमारी वचनबद्धता का एजेंडा है। उन्होंने कहा कि हमारी साझेदारी आतंकवाद, संगठित अपराध, मादक पदार्थ और मानव तस्करी का मुकाबला करने का भी काम करेगी।
समुद्री सहयोग पर संयुक्त बयान जारी करने के अलावा दोनों पक्षों ने युवा एवं खेल और मानकीकरण के क्षेत्र में सहयोग के दो सहमति पत्रों पर भी हस्ताक्षर किए। समुद्री सुरक्षा सहयोग पर करार महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि दक्षिण पूर्व के कई एशियाई देशों को दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन से समस्या है। जुलाई में अंतर्राष्ट्रीय पंचाट के परमानेंट कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ने फैसला दिया है कि चीन दक्षिण चीन सागर पर फिलीपींस के अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। यह व्यापारिक जहाजों के आवागमन का दुनिया का व्यस्ततम समुद्री मार्ग है।
इंडोनेशिया दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे बड़ा देश है। इसका चीन के साथ ऐसा कोई मुद्दा नहीं है। मोदी ने मीडिया से संबोधन में कहा कि इंडोनेशिया हमारी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के सर्वाधिक महत्वपूर्ण साझेदारों में एक है। यह दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था है और भारत दुनिया के सर्वाधिक तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति विडोडो दोनों देशों के बीच एक दृढ़ आर्थिक एवं विकास साझेदारी बनाने के लिए सहमत हैं जो विचारों के प्रवाह, व्यापार, पूंजी और दोनों देशों के लोगों को मजबूती दे। उन्होंने कहा, “मैं राष्ट्रपति विडोडो से भारतीय कंपनियों के इंडोनेशिया के साथ दवा, सूचना प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर एवं कौशल विकास के क्षेत्र में मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करने से सहमत हूं।”
विडोडो पहली बार दो दिवसीय राजकीय दौरे पर भारत आए हैं। उनका यह दौरा सोमवार से शुरू हुआ है। इससे पहले यहां उनका राष्ट्रपति भवन में समारोहपूर्वक स्वागत किया गया। इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुसिलो बामबांग युधोयोनो छह वर्ष पूर्व भारत दौरे पर आए थे।
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