नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा सिंगापुर के एक विश्वविद्यालय में की गई भाजपा की आलोचना के बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है. राहुल के संबोधन की भाजपा ने आलोचना की है. भाजपा का कहना है कि मोदी ने अपनी विदेश यात्राओं से देश की प्रतिष्ठा बढायी है, जबकि राहुल गांधी ने विदेशों में देश की आलोचना कर भारत को बदनाम किया है.
भाजपा द्वारा राहुल गांधी के बयानों की आलोचना के बाद कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी ने अपने कर्तव्य का पालन किया है. उनका ये फर्ज है कि वह एक अहंकारी सरकार को सच का आईना दिखाते रहें. उन्होंने कहा कि देश के 70 साल के इतिहास को गाली देने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया था. इस देश के प्रधानमंत्री विदेश में जाकर 70 साल के देश के इतिहास को गाली देते हैं. वह कहते हैं कि भारतीय होना ही शर्मसार था. इस पर भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल नरसिंह राव ने जवाब दिया कि मोदी ने अपनी विदेश यात्राओं से देश की प्रतिष्ठा बढायी, जबकि राहुल गांधी ने इसे कम किया है.
सिंगापुर में राहुल गांधी ने दिया था ये बयान
8 मार्च को राहुल गांधी ने सिंगापुर यात्रा के दौरान यहां के प्रतिष्ठित ली कुआन यिऊ स्कुल ऑफ पब्लिक पॉलिसी में एक परिचर्चा में भाग लिया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि भारत में आमतौर पर डर का माहौल है, जहां चुनाव जीतने के लिये लोगों को बांटने और उनके गुस्से का इस्तेमाल करने की राजनीति होती है. राहुल गांधी ने कहा था कि एक अलग तरह की राजनीति होती है. ऐसा न केवल भारत में हो रही है, बल्कि कई जगहों पर हो रहा है. उन्होंने कहा था कि अगर आप मुझसे पूछते हैं कि मुझे अपने देश की किस बात पर गर्व होता है तो यह बहुलवाद का विचार है. सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायधीशों द्वारा प्रेस कांफ्रेस किये जाने का मामले उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि व्यवस्था पर और न्यायपालिका पर बहुत ही आक्रामक और संगठित हमला हो रहा है.
राहुल का कहना था कि अगर आप प्रेस से, व्यापार जगत के लोगों से बात करेंगे तो वे आपको बताएंगे कि वह डरा हुआ महसूस करते हैं. राहुल ने सिंगापुर में कहा था कि महात्मा गांधी ने भारत के बारे में सोचा था कि ऐसा भारत जहां धर्म, समुदाय और राज्य से परे सभी सुरक्षित, सहज महसूस करें. वहीं, अल्पसंख्यक विरोधी राजनीति में भाजपा और संघ शामिल हैं. सिंगापुर में राहुल गांधी के दिये गये इसी बयान की आलोचना हो रही है. राहुल गांधी इससे पहले भी विदेशों में इस तरह के बयान दे चुके हैं.