बड़ी खबर : 5 लाख करोड़ रुपए का फंड इकट्ठा करने के लिए 100 सरकारी संपत्तियो को बेचेगी केंद्र सरकार

मोदी सरकार देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है. इसी के तहत साल अगले चार साल में निजीकरण के जरिए 5 लाख करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए 100 सरकारी एसेट की लिस्ट बना ली गई है.

इसी हफ्ते एसेट मोनेटाइजेशन को लेकर आयोजित एक वर्कशॉप में निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने मंत्रालयों और राज्य सरकारों से अपील की कि वह इस प्रक्रिया में तेजी लाए.

मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार  केंद्र ने अगले चार साल में (2025 तक) निजीकरण के जरिए 5 लाख करोड़ रुपए का फंड इकट्ठा करने की योजना बनाई है. इसके लिए नीति आयोग ने 100 महत्वपूर्ण सरकारी संपत्ति की पहचान भी कर ली है

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने साल 2025 तक देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. कोरोना के कारण देश की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में चली गई, सरकार की कमाई को भारी चोट पहुंची है, इसके इसके बावजूद सरकार अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटी है.

रिपोर्ट के मुताबिक, नीति आयोग ने अलग-अलग मंत्रालयों से कहा है कि वे निजीकरण करने लायक संपत्ति की पहचान करें. नीति आयोग ने निजीकरण की दिशा में सरकार को तेजी से बढ़ने का सुझाव दिया है. इसलिए तमाम प्रक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए अभी से तैयारी शुरू करने का निर्देश जारी किया गया है.

10 अलग-अलग मंत्रालयों और पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज की 31 महत्वपूर्ण संपत्तियों की पहचान की जा चुकी है और इसकी लिस्ट भी संबंधित मंत्रालयों को सौंपी जा चुकी है.

इन सरकारी संपत्तियों में टोल रोड, पोर्ट, क्रूज टर्मिनल, टेलिकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर, ऑयल एंड गैस पाइपलाइन, ट्रांसमिशन टॉवर, रेलवे स्टेशन, स्पोर्ट्स स्टेडियम, माउंटेन रेलवे, ऑपरेशनल मेट्रो सेक्शन, वेयरहाउसेस और कॉमर्शि‍यल कॉम्प्लेक्स शामिल हैं.

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