
गौरतलब है कि चित्रकूट की महिला ने 26 अक्तूबर 2016 को गोमतीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि आशीष शुक्ला, बब्लू सिंह व अन्य ने तीन वर्ष पहले उसे खनन पट्टा दिलाने का आश्वासन देकर राजधानी बुलाया। वहां पट्टा देने के एवज में शारीरिक संबंध बनाने को कहा तथा मना करने पर धमकी दी।
पुलिस ने विवेचना के बाद जहां अन्य के साथ गायत्री प्रसाद प्रजापति को आरोपी बनाया, वहीं अपहरण के प्रयास की धाराएं जोड़ते हुए 25 जुलाई 2017 को चार्जशीट दायर कर दी। इस पर सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने 8 नवंबर 2017 को संज्ञान लेते हुए मुकदमा शुरू करने का आदेश दिया था।
सीजेएम के इस आदेश को चुनौती देकर कहा गया कि वादिनी ने अपने कलमबंद बयान व पुलिस को दिए बयान में कहा कि उसने ऐसी कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई। इसके बावजूद विवेचना अधिकारी ने चार्जशीट दाखिल कर दी और सीजेएम ने कोई सुबूत न लेते हुए भी चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया।
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