केजीपी एक्सप्रेस वे के काम के दौरान ओवरब्रिज पर गार्डर रखते समय मंगलवार को हुए हादसे को लेकर रेलवे और एनएचएआई ने अलग-अलग जांच शुरू कर दी है। जांच के दौरान रेलवे अपने नुकसान का आंकलन करेगा और उसकी भरपाई के लिए एनएचएआई को नोटिस जारी करेगा। आगरा डिविजन के इंजिनियर प्रकाश उपाध्याय ने इस मामले की पुष्टि की है। रेलवे की जांच से केजीपी का निर्माण कार्य भी लटक सकता है।
दिल्ली-आगरा रेलवे लाइन पर केजीपी के तहत बन रहे ओवरब्रिज के निर्माण करने के दौरान 144 फुट लंबा गार्डर रेलवे लाइन पर गिर गया। इसके चलते ओएचई टूटने से करीब 3 घंटे तक दिल्ली-आगरा ट्रैक पूरी तरह से बाधित रहा। आगरा डिविजिन के रेल अधिकारियों ने बताया कि रेलवे लाइन पर गार्डर गिरना घोर लापरवाही है और इसे लेकर विभाग की तरफ से तीन पॉइंट्स पर जांच की जा रही है। पहला रेलवे का नुकसान और उसकी भरपाई, दूसरा ओवरब्रिज का निर्माण देने वाली कंपनी को दोबारा काम करने का मौका दिया जाए या नहीं और तीसरा ओवरब्रिज का काम खुद रेलवे करे या किसी कंपनी से करवाए। इसको लेकर मीटिंग भी की गई है।
आगरा मंडल के इंजिनियर प्रकाश उपाध्याय ने बताया कि ओएचई के टूटने को लेकर तीन पॉइंट्स पर जांच की जा रही है। वहीं एनएचएआई की तरफ से केजीपी प्रोजेक्ट इंचार्ज किशोर कन्याल ने बताया कि एक्सप्रेस वे का निर्माण करने वाली कंपनी की लापरवाही से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसे लेकर जांच की जा रही है। रिपोर्ट के आने तक कंपनी को ओवरब्रिज के लिए गार्डर रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी।