कथित तौर पर ग्राहकों की सहमति लिए बगैर उनका पेमेंट बैंक अकाउंट खोलने के आरोप मेंयूआईडीएआई ने कुछ दिन पहले ही एयरटेल के खिलाफ कार्रवाई की है। एयरटेल पेमेंट बैंक का संचालन करने वाली कंपनी भारती एयरटेल ने मोबाइल ग्राहकों के आधार नंबर का इस्तेमाल कथित तौर पर उनका अकाउंट खोलने के लिए किया, जिसके कारण ग्राहकों की रसोई गैस की सब्सिडी उस नए खाते में चली गई।
रसोई गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी के पेमेंट बैंक खातों में चले जाने से उपयोगकर्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें से अधिकांश लोगों को पता भी नहीं है कि उनकी सब्सिडी उनके नियमित बैंक खाते में न जाकर उस खाते में चली गई है, जिसे उन्होंने खोला ही नहीं है।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारोपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने एयरटेल से ग्राहकों की सब्सिडी को या तो उनके बैंक खाते में भेजने या फिर उन्हें तेल कंपनियों को भेजने के लिए पत्र लिखा है।
एनपीसीआई देश में सभी तरह के खुदरा भुगतानों के लिए शीर्ष संगठन है। उधर एक सरकारी सूत्र ने बताया कि सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और एयरटेल को ग्राहकों के मूल बैंक खातों में रकम लौटाने के लिए बाध्य किया है। उन्होंने कहा कि जवाबदेही बढ़ाने के लिए डीबीटी लाभ राशि के खातों में पहुंचने की प्रक्रिया को भी सख्त किया जा रहा है।
एक बयान में एचपीसीएल ने बताया कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों तथा तेल मंत्रालय को एलपीजी उपभोक्ताओं से भारी तादाद में शिकायतें मिल रही थीं कि पिछले कुछ सप्ताह से उनके पिछले खाते में एलपीजी सब्सिडी की रकम नहीं आ रही।
तीन तेल मार्केटिंग कंपनियों-इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड तथा एचपीसीएल के अधिकांश मामलों में एनपीसीआई मैपर में एलपीजी उपभोक्ताओं की आधार लिंकिंग बदलकर एयरटेल पेमेंट बैंक हो गया था, जिसके कारण उनकी एलपीजी सब्सिडी नए बैंक अकाउंट यानी एयरटेल पेमेंट बैंक के खाते में जा रही थी।