आतंकवाद इस समय दुनिया की सबसे बड़ी मुश्किल है, 100 साल के दौरान कुछ देशों ने ऐसे समूहों का समर्थन किया है जिन्होंने मानवता के लिए अत्याचार और अलगाव के अलावा कुछ नहीं किया है।
तकफीरी समूह कुछ देशों से समर्थन प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें से एक बोको हराम है, जिसने 15 साल से नाइजीरिया मे अशांति फैला रखी है।
बोको हराम शब्द, होसा भाषा में “पश्चिमी शिक्षा प्राप्त करना हराम (अवैध) है” के अर्थ में आता है, और अरबी में इसका नाम «दावत और जिहाद के लिए सुन्नी पार्टी» है। इस समूह का उद्देश्य नाइजीरिया में हथियारों के बल पर वहाबी धर्म लागू करना है ।
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बोको हराम की नीव मोहम्मद यूसुफ ने 2002 में मीदोगवरी में रखी थी, और वह 2004 में यूबी प्रदेश चले गए, इस समूह ने वहाँ एक अड्डा अफगानिस्तान के नाम से बनाया, मोहम्मद यूसुफ डेमोक्रेसी और धर्मनिरपेक्ष शिक्षा के घोर विरोधी थे वह वहाबी पंथ के संस्थापक इब्ने तैमिया के विचारों से प्रभावित थे, और शिक्षा के इतने विरोधी थे कि पृथ्वी गोलाकार (दौर) होने पर भी आपत्ति जताते थे उनकी 2009 में हत्या हो गई और अबू शिकायो उनकी जगह इस समूह के प्रमुख बन गए।
बोको हराम नाइजीरिया में शिक्षा प्रणाली को बदलना चाहता हैं और कई बार उसने स्कूलो पर हमला करके निर्दोष छात्रों को जला चुका है।
इस समूह ने कई लोगों को अपने साथ मिला लिया है इसलिए यह नहीं कि वे लोग उनके विचारधारा के समर्थक हैं बल्कि उनके डर और धमकी और उनके अत्याचार से बचने के लिए इस समूह से मिल जाते हैं।
बोको हराम आइएस से पहले अलकायदा के साथ था पर 2015 के बाद अबू शिकायो ने एक ऑडियो संदेश के माध्यम से अबू बकर की निष्ठा की घोषणा की और अपने समूह का नाम अफ्रीकी इस्लामी राज्य रखा।
इन दोनों समूहों में एक ही प्रक्रिया है, बोको-हराम ने कई ईसाई गांवों को आग लगा दी है और स्कूल मे पढ़ने वाली 200 महिलाओ को गुलाम बना दिया है।
आईएसआईएस ने भी मोसुल में कई ईसाई समुदायों के गले काटो और महिलाओं को दासी बनाया, इन कार्यो से दोनों समूहों की विचारधारा का पता चलता हैं।
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इस समूह से मुकाबला करने के लिए फरवरी 2015 में 5 देशों नाईजीरीया, चाद, कैमरून, नाइजर और बनीन ने इस समूह से मुकाबले के लिए 8700 लोगों का एक समूह बनाया है।
इस सैन्य समूह ने उनके खिलाफ कुछ उपलब्धियां हासिल की हैं, पर नाईजेरिया सरकार इस समूह से मुकाबले के बजाय शिया समुदाय से लड़ाई को प्राथमिकता देती है, नाईजेरिया सरकार ने उनके खिलाफ कुछ कदम तो उठाए हैं पर उनके अत्याचार इतने हैं कि संयुक्त राष्ट्र इस समूह को मानवता के खिलाफ अत्याचार करने वाले समूहों की सूची में सम्मिलित कर रही है।
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