प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाहरी व्यक्ति बताकर जनसभा को संबोधित करने के मामले में पिछले दिनों सीजेएम कोर्ट द्वारा लखनऊ के हजरतगंज थाने से तलब रिपोर्ट बुधवार को पेश होनी है. इसके बाद अदालत मामले में फैसला सुना सकता है.
पिछले दिनों प्रियंका गांधी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराने की मांग वाली अर्जी पर सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने 22 फरवरी के लिए हजरतगंज थाने से रिपोर्ट तलब की थी.
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अधिवक्ता सतनाम सिंह छाबड़ा द्वारा दायर अर्जी में आरोप लगाया गया है कि प्रियंका गांधी ने 17 फरवरी को बछरावां में एक जनसभा को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी को बाहरी व्यक्ति बताया है. इसलिए यूपी की किसी बाहरी व्यक्ति को गोद लेने की आवश्यकता नहीं है.
अधिवक्ता का आरोप है कि प्रियंका गांधी द्वारा जनसभा के संबोधन में कही गईं बातें अखबारों में भी प्रकाशित की गई हैं. इस प्रकार उनका यह कथन भारत के संविधान के संघीय ढांचे के विरुद्ध है, जो न केवल देशद्रोह की परिभाषा में आता है बल्कि गंभीर एवं संज्ञेय अपराध है.
यह था बयान
दरअसल प्रियंका ने रायबरेली के बछरावां विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी साहब शरण पासी के समर्थन में आयोजित जनसभा में कहा था कि वह अपने बीमार बेटे को दवा देते वक्त टीवी देख रही थीं तो प्रधानमंत्री मोदी भरे मैदान में खुद को यूपी का गोद लिया बेटा बता रहे थे, यह उन्हें अटपटा लगा. प्रियंका ने भीड़ से सवाल दागा कि आप सब बताओ कि क्या यूपी को बाहरी बेटा गोद लेने की जरूरत है? यूपी की मिट्टी में पैदा हुए अपने बेटे ही काफी हैं.