बच्चों के स्कूल बैग इतने भारी होते है कि उसका बच्चे पर सिर्फ शारीरिक ही नहीं मानसिक रूप से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. आपको बता दे कि बैग का वजन लगभग 6 किलो के आसपास होता है. सोचिए जरा इतने भारी बैग को उठा कर बच्चे किस तरह चलते होंगे, किस तरह सीढ़िया चढ़ते होंगे.
एक्सपर्ट के अनुसार, बच्चों को भारी वजन के कारण पीठ दर्द और मसल्स की समस्या व गर्दन दर्द से जूझना पड़ रहा है. बच्चों की हड्डियां 18 साल तक नर्म होती है, इस उम्र तक रीढ़ की हड्डी इतना वजन संभालने लायक मजबूत नहीं होती. इस कारण स्कूल में पढ़ने वाले 60 प्रतिशत बच्चे जोड़ों में दर्द, 30 प्रतिशत बच्चे कमर दर्द व 58 प्रतिशत बच्चे हड्डी रोग से पीड़ित हैं.
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बच्चों को रीढ़ की हड्डी के नुकसान के साथ लंग्स की समस्याए भी शुरू हो जाती है. कई बार तो सांस लेने की भी समस्या होती है. कई बार बैग कंधे पर वन साइडेड होने से दर्द भी शुरू हो जाता है. बच्चे के बैग का वजन उसके वजन से 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. बच्चे को योग और एक्सरसाइज की आदत डालें.
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