नई दिल्ली. भारत की चार दिन की यात्रा पर शनिवार की देर शाम दिल्ली आए फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रों को रिसीव करने पीएम नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट पहुंचे. मैक्रों के साथ पत्नी ब्रिगित मैरी क्लाउड मैक्रों के अलावा उनके मंत्रिमंडल के सीनियर मिनिस्टर्स मंत्री आए हैं. यहां पीएम ने प्रेसिडेंट मैकों का स्वागत किया. फ्रांस के राष्ट्रपति की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच खासकर समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद से निपटने समेत अन्य क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत बनाने पर जो रहेगा. इन चार दिनों की यात्रा के दौरान वे 12 मार्च को पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी जाएंगे. प्रधानमंत्री के साथ वह उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में सौर संयंत्र का उद्घघाटन करेंगे.
अक्षय ऊर्जा, हाईस्पीड ट्रेन और व्यापार में सहयोग
भारत और फ्रांस के बीच अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग पांच दशक से भी पुराना है. दोनों देशों के बीच परंपरागत क्षेत्रों के अलावा अक्षय ऊर्जा, हाईस्पीड ट्रेन और व्यापार में सहयोग बढ़ाने पर भी जोर होगा. इसके अलावा भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक भागीदारी में रक्षा, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग का मामला शामिल हैं. हिंद महासागर में सहयोग बढ़ाने का मुद्दा प्राथमिकता पर लिया जा सकता है
– पीएम नरेन्द्र मोदी और मैक्रों के बीच रविवार को प्रतिनिधि स्तर की बातचीत होगी
– फ्रांस के सहयोग से बन रहे जैतापुर (महाराष्ट्र) परमाणु बिजली संयंत्र पर भी समझौते पर हस्ताक्षर की उम्मीद
– मैक्रों रविवार को 300 स्टूडेंट्स के साथ खुली चर्चा में हो सकते हैं शामिल
– फ्रांसीसी राष्ट्रपति ज्ञान सम्मेलन ’ में भी भाग लेंगे. इसमें दोनों पक्षों के 200 से अधिक शिक्षाविद शामिल होंगे.
आतंकवाद निरोधक उपाय, ऊर्जा और अंतरिक्ष पर प्रमुख जोर
संयुक्त सचिव( यूरोप पश्चिम) के नागराज नायडू ने कहा, ‘ फ्रांस विशेष रूप से दक्षिण एशिया में आतंकवाद को लेकर भारत के नजरिये का समर्थन करता है. हम नये क्षेत्रों खासकर समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद निरोधक उपाय तथा अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में दोनों की बढ़ती सहमति देख रहे हैं. अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत और फ्रांस के बीच एक परिपक्व गठजोड़ है और हम इसे नए स्तर ले जाना पसंद करेंगे.’
इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति मैक्रों अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. आईएसए भारत और फ्रांस की संयुक्त पहल का परिणाम है. आईएसए शिखर सम्मेलन में कई देशों एवं सरकार के प्रमुखों के शामिल होने की संभावना है. इसमें ठोस परियोजनाओं पर जोर दिए जाने की संभावना है. उसी दिन वह ताज महल देखने जाएंगे.