फ्रांसीसी लग्जरी ग्रुप LVMH ने बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद में हिस्सेदारी लेने में दिलचस्पी दिखाई है। एल कैटर्टन एशिया के मैनेजिंग पार्टनर रवि ठाकरान ने ईटी से बातचीत में कहा, ‘हम अगर कोई मॉडल ढूंढ पाएं तो उनके साथ जरूर बिजनस करना चाहेंगे।’ हालांकि उन्होंने कहा, ‘उनके मॉडल में मल्टिनैशनल और फॉरन इन्वेस्टमेंट की गुंजाइश नहीं है, ऐसा मुझे लगता है।’
ठाकरान ने ईटी को बताया, ‘पतंजलि ग्लोबल कंपनी बन सकती है।’ उन्होंने कहा कि पतंजलि अपने प्रॉडक्ट्स अमेरिका, जापान, चीन, दक्षिण कोरिया और यूरोप में भी बेच सकती है और एल कैटर्टन इसमें उसकी मदद करेगी। कंपनी में स्टेक लेना शायद संभव ना हो, लेकिन पतंजलि फंडिंग की तलाश में है। रामदेव ने खुद को एंटी-मल्टीनेशनल बिजनसमैन के तौर पर स्थापित किया है। वह स्वदेशी के हिमायत हैं और कुछ साल में उनकी कंपनी काफी बड़ी हो गई है।
बालकृष्ण ने कहा, ‘दुनिया एक दूसरे की मदद करने से चलती है। हम अपनी शर्तों पर किसी तरह की मदद लेने को तैयार हैं। हम इक्विटी या शेयर बेचकर पैसा नहीं लेंगे, लेकिन जब देश तरक्की के लिए विदेशी तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है और अगर विदेशी पैसा आता है तो हम अपनी शर्तों पर उसे स्वीकार करने को तैयार हैं।’ ठाकरन के मुताबिक पतंजलि की वैल्यू अभी 5 अरब डॉलर है। उन्होंने कहा कि हम कंपनी को भारत से बाहर ब्रांड क्रिएट करने में मदद करना चाहते हैं।