विज्ञान और धर्म हमेशा एक साथ चलते हुए नजर आते हैं क्योंकि धर्म में बहुत सी ऐसी बातें है जो वैज्ञानिक रूप से भी सही साबित होती है। अकसर आपने मंदिरों में या किसी घर में सुबह या शाम के वक्त शंख बजते हुए सुना होगा। शंख बजाने की भी धार्मिक मान्यता है लेकिन आज हम आपको यह बता रहे हैं कि शंख बजाना हमारे शरीर के लिए कितना फायदेमंद है। दिल की बीमारियां, ब्लड प्रेशर और सांस सम्बन्धी रोग में मात्र शंख बजाने से काफी फायदा पहुँचता है।
अक्सर बच्चों में हकलापन या गूंगापन देख जाता है और इसके उपचार के लिए हम स्पीच थेरेपिस्ट के पास जाते हैं। यदि कोई बोलने में असमर्थ है या उसे हकलेपन का दोष है तो शंख बजाने से ये दोष दूर होते हैं। शंख बजाने से फेफड़ों के रोग भी दूर होते हैं। दमा, कास प्लीहा यकृत और इन्फ्लूएन्जा रोगों में शंख ध्वनि फायदेमंद है। अगर आपको खांसी, दमा, पीलिया, ब्लडप्रेशर या दिल से संबंधित मामूली से लेकर गंभीर बीमारी है तो शंख बजाने से बहुत लाभ मिलता है।
आज जहां प्रदुषण और उसके कारण होने वाली एलर्जी से बड़ी जनसँख्या पीड़ित है ऐसे में शंख से निकलने वाली आवाज से हवा में मौजूद बहुत से कीटाणुओं का नाश हो जाता है। शंख में प्राकृतिक कैल्शियम, गंधक और फास्फोरस की भरपूर मात्रा होती है। प्रतिदिन शंख फूंकने वाले को गले और फेफड़ों के रोग नहीं होते। शंख से मुख के तमाम रोगों का नाश होता है। शंख बजाने से चेहरे, श्वसन तंत्र, श्रवण तंत्र तथा फेफड़ों का व्यायाम होता है। शंख वादन से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
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