उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस मेंस-2017 परीक्षा का पेपर रद किए जाने केबाद मंगलवार को शहर में हुए बवाल में बुधवार शाम छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह को नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया। हालांकि ऋचा के साथ हिरासत में लीं गईं तीन छात्राओं और चार अभ्यर्थियों को थाने से मुचलके पर छोड़ दिया गया। सुबह सभी की गिरफ्तारी दर्शायी गई। एसएसपी नीतिन तिवारी का कहना है कि ऋचा के खिलाफ जांच अधिकारी के पास साक्ष्य थे, इसलिए गिरफ्तारी हुई। ऋचा को प्रभारी सीजेएम इंद्रजीत सिंह की कोर्ट में पेश किया गया। वहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया।
पथराव और आगजनी
मंगलवार को लोकसेवा आयोग चौराहे पर जाम के दौरान पथराव और आगजनी की गई। पुलिस ने मौके से ऋचा सिंह समेत सात लोगों को हिरासत में लिया था। ऋचा सिंह और तीन छात्राओं को पहले महिला थाने और फिर आशा ज्योति केंद्र में रखा गया जबकि अन्य अभ्यार्थियों को सिविल लाइंस थाने में। बुधवार सुबह ऋचा व अन्य पर मुकदमा दर्ज होने की खबर पाकर सपा नेता पहुंच गए। सीओ सिविल लाइंस के मुताबिक, चौकी प्रभारी लोकसेवा आयोग सुभाष चौधरी की तहरीर पर केस दर्ज हुआ है। प्रतिमा शुक्ला, दिव्या गुप्ता और प्रतिमा समेत चार अभ्यर्थियों को थाने से जमानत दी गई है। इन्हें परीक्षा देनी थी। ऋचा सिंह को जेल भेजे जाने से पहले कई सपाइयों ने महिला थाने पहुंचकर हंगामे की कोशिश की। अधिवक्ता रविंद्र यादव ने जमानत अर्जी पेश की लेकिन कोर्ट ने खारिज कर दी।
नैनी सेंट्रल जेल भेजे जाने से पहले ऋचा सिंह ने कहा कि जिन धारा में उन्हें जेल भेजा जा रहा है, उसी धाराओं में दूसरे लोगों को जमानत दे दी गई। उन्होंने बतौर छात्रसंघ अध्यक्ष विवि में योगी आदित्यनाथ का विरोध किया था, इसलिए उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई की गई। ऋचा ने जेल से छूटने के बाद आंदोलन का भी एलान किया।