अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 67वें जन्मदिवस पर पिछले कई दशकों से विवादों में घिरे रहे सरदार सरोवर नर्मदा बांध परियोजना का आज उद्घाटन किया. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी सहित अन्य विशिष्ट लोग इस अवसर पर उपस्थित थे. इस बांध की आधारशिला देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 5 अप्रैल, 1951 को रखी थी. हालांकि, अदालती मुकदमों और इसके कारण विस्थापित हुए ग्रामीणों के प्रदर्शनों के कारण बांध को तैयार होने में 56 साल का समय लग गया. जन्मदिन पर पीएम मोदी ने सबसे पहले अपनी मां हीरा बा के पांव छुए और उनका आशीर्वाद लिया. अपने जन्मदिवस के अवसर पर पीएम मोदी नर्मदा जिले के केवड़िया स्थित सरदार सरोवर नर्मदा बांध परियोजना पर नर्मदा नदी की पूजा-अर्चना की और इसके बाद वह इस परियोजना का लोकार्पण किया.
इस बांध परियोजना और इस पर बनी बिजली परियोजना से चार राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश को लाभ मिलेगा. प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम के माध्यम से नर्मदा यात्रा का भी समापन होगा. इस यात्रा में 85 रथ 24 जिलों, 14 शहरों, 71 कस्बों और 10 हजार गांवों से गुजरे. प्रत्येक रथ पर नर्मदा की प्रतिमा को रखा गया था.
केवड़िया में मौसम खराब होने के चलते पीएम के चॉपर की लैंडिंग दाभोई में कराई गई. वहां से वह सड़क मार्ग से केवड़िया के लिए रवाना हुए. पीएम मोदी सरदार सरोवर परियोजना के 30 दरवाजे खोलकर इसे राष्ट्र को समर्पित किया. प्रधानमंत्री ने बांध के समीप ही बन रही सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशालकाय प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के निर्माण में हुई प्रगति का जायजा लिया. 182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी. अभी ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा माना जाता है
पीएम मोदी वडोदरा के डभोई में एक रैली को भी संबोधित करेंगे. गुजरात में विधानसभा चुनाव इसी वर्ष होने वाले हैं. इस लिहाज से प्रधानमंत्री की इस रैली को राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
पिछले एक सप्ताह से भी कम समय में मोदी की यह दूसरी गुजरात यात्रा है. पिछले दिनों वह जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की मेजबानी के लिए यहां आए थे और दोनों ने साथ मिलकर भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला रखी थी.