दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दिल्ली सरकार की पानी की दरों में 20 प्रतिशत की वृद्धि के निर्णय की कड़ी निंदा की। कांग्रेस ने सरकार की पानी की दरों में वृद्धि के इस कदम को जनविरोधी करार दिया। इसके अलावा सरकार के निर्णय को जनता के साथ विश्वासघात बताया।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने वर्ष 2015 में सत्ता में आने के तुरंत बाद ही प्रतिमाह 20 हजार लीटर से अधिक पानी उपयोग करने पर दरों में 10 प्रतिशत की वृद्धि कर दी थी।
अब दिल्ली सरकार ने पानी की दरों में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी। इस तरह दिल्ली सरकार ने पानी की दरों को अत्यधिक ऊंचाई पर पहुंचाकर तीन वर्ष के शासनकाल में 30 प्रतिशत की वृद्धि पानी की दरों में कर दी है, जबकि उसने सत्ता में आने से पहले मुफ्त पानी देने का वायदा किया था, वह खोखला साबित हो गया है।
दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के पानी की दरों में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी के चलते मुख्यमंत्री केजरीवाल का असली चेहरा सामने आ गया है, वह कल तक मेट्रो किराये में बढ़ोतरी का विरोध कर रहे थे और मंगलवार को उन्होंने स्वयं पानी की दरों में बढ़ोतरी का फरमान जारी कर दिया।
पानी की दरों में बढ़ोतरी से जनता पर पांच सौ से छह सौ करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। उधर, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल से कहा कि आम आदमी पार्टी सत्ता में उचित दरों पर दिल्ली की जनता को पानी की आपूर्ति करने के वादे पर आई थी। दूसरी ओर उसने अपने कार्यकाल में दिल्ली वासियों पर 2015 में 10 प्रतिशत और 2017 में 20 प्रतिशत का बोझ डाल दिया।
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