नई दिल्ली. पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने एक बार फिर आतंकवादियों से अपने रिश्तों का खुलकर इजहार किया है. पाकिस्तान के एआरवाई न्यूज पर मुशर्रफ ने खुलकर लश्कर ए तैयबा को समर्थन की बात कबूली है. मुशर्रफ ने कहा कि मैं लश्कर का सबसे बड़ा समर्थक हूं. उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि वह मुझे पसंद करते हैं और जमात उद दावा भी मुझे पसंद करता है. बता दें कि जमात उद दावा संगठन मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का है.

मुशर्रफ से जब ये पूछा गया कि क्या वह हाफिज सईद को भी पसंद करते हैं, उन्होंने जवाब ‘हां’ में दिया. उन्होंने आगे जोड़ा कि वह उससे मिल भी चुके हैं. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ ने कश्मीर में एक्शन की भी वकालत की. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को कश्मीर में दबाने के वह पक्षधर रहे हैं और लश्कर वहां सबसे बड़ी ताकत है. मुशर्रफ ने कहा कि भारत ने अमेरिका के साथ मिलकर लश्कर को आतंकी गुट घोषित कर दिया है. हां, वह (लश्कर) कश्मीर में हैं और कश्मीर में जो कुछ है वह भारत और हमारे (पाकिस्तान के) बीच है.
न्यूज चैनल पर मुशर्रफ ने ये भी कहा कि हाफिज सईद लंबे समय से कश्मीर के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने लश्कर बनाया. लश्कर कश्मीर के आवाम के लिए संघर्ष कर रहा है. बता दें कि हाल में पाकिस्तान की एक कोर्ट ने हाफिज सईद को निर्दोष बताते हुए रिहा कर दिया है. हाफिज को इस साल जनवरी से ही नजरबंदी में रखा गया था. शनिवार को वाइट हाउस ने भी इस संबंध में बयान जारी किया था. वाइट हाउस ने कहा था कि आतंकी हाफिज का इस तरह से छूटना इसका सबूत है कि पाक आतंकी के खिलाफ मुकदमा चला सकने में नाकाम रहा है. जिसका फायदा सीधे तौर पर हाफिज को मिला और वह बरी हो गया.
आतंकी सूची से नाम हटाने के लिए याचिका
हाफिज ने आतंकियों को चिह्नित करने वाली सूची से अपना नाम हटाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में याचिका भी दाखिल की है. उसने दलील दी है कि उसके खिलाफ पाकिस्तानी अदालत में ना तो आतंकवाद ना कोई अन्य आरोप साबित हो पाया है. प्रतिबंधित जमात-उद-दावा (जेयूडी) के प्रमुख पर आतंकवादी गतिविधियों के लिए अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है. पाकिस्तानी सरकार ने किसी भी अन्य मामले में उसकी हिरासत खत्म कर दी जिसके बाद शुक्रवार से वह आजाद है. वह इस साल जनवरी से नजरबंदी में था.
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