एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। 100 रुपये के नकली नोट छाप रहे दो ग्राफिक डिजायनर और मोबाइल एक्सपर्ट मुनाफे पर विवाद के बाद अलग होकर अगरबत्ती बेचने लगे थे। लेकिन नोटबंदी के बाद करंसी की कमी में उन्होंने झगड़ा भुला कर अब नई करंसी छापनी शुरू कर दी। 20 हजार रुपये मार्केट में चला दिए, लेकिन छह लाख 10 हजार रुपये के नोट जब्त कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
डीसीपी सुरेंद्र कुमार के अनुसार, पुलिस को खबर मिली थी कि नई करंसी छापी जा रही है। यह भी पता चला कि करंसी छापने वाले 50 पर्सेंट कमिशन पर यह करंसी अपने एजेंटों को देते हैं। एसीपी राजेंद्र सिंह और इंस्पेक्टर राजकुमार की टीम ने बिंदापुर के किरण गार्डन में आशीष उर्फ केजू निवासी मोहन गार्डन और कृष्ण भारद्वाज निवासी नजफगढ़ को पकड़ लिया। उनके कब्जे से छह लाख 10 हजार 500 रुपये की नकली करंसी जब्त की गई। सभी नोट 500 और दो हजार रुपये के हैं। सीपीयू, प्रिंटर, की-बोर्ड और माउस जब्त किए गए।
मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स करने के बाद आशीष ने मोबाइल फोन रिपेयर की शॉप खोली थी, लेकिन वह चल नहीं पाई। कृष्ण भारद्वाज उर्फ नेताजी ने डेस्कटॉप पब्लिशिंग कोर्स किया था। उसने फोटोशॉप, कोरल ड्रॉ, पेज-मेकर आदि तकनीकें सीखी थीं। उसने अपने हुनर का फायदा उठाते हुए प्रिंटिंग प्रेस खोली, लेकिन वह बंद हो गई। वह टीचर बन गया, लेकिन वह काम भी नहीं चला। उसके बाद उसने मोबाइल कंपनी, कॉल सेंटर और कार कंपनी में नौकरी की, लेकिन वह सब काम बंद हो गए। इसके बाद उसने हरियाणा के नारनौल में अगरबत्ती बेचना शुरू कर दिया, लेकिन वह काम भी बंद हो गया।
इन हालात में दो साल पहले इन दोनों ने सौ रुपये के नकली नोट छापने शुरू कर दिए। यह नोट वह दोनों बाजारों में आसानी से चलाते रहे। उन्हें खासा मुनाफा होना शुरू हुआ तो उनमें बंटवारे पर विवाद हो गया। इसलिए नोट छापने का धंधा बंद हो गया। 8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद करंसी मिलने में आई कमी से फायदा उठाने के लिए दोनों ने अपने मतभेद भुलाकर आपस में हाथ मिला लिए। अब इन्होंने 500 और दो हजार रुपये के नोट छापने शुरू कर दिए। उन्होंने बताया कि नोटों की कमी के दौर में नए नोट सर्कुलेट होने में आसानी हो रही थी। इन दोनों ने 20 हजार रुपये मार्केट में चला दिए थे और लेने वाले समझ नहीं पाए थे कि यह नोट नकली थे। बाकी नोट सर्कुलेशन में आने से पहले ही जब्त कर लिए गए।