जम्मू एवं कश्मीर के पंपोर में शनिवार को एक सैन्य काफिले पर हुए आतंकवादी हमले में शहीद जवान सौरभ नंदकुमार फराटे का सोमवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
पुलवामा जिले में कदलाबाल के पास बंदूकधारियों ने सेना के काफिले पर हमला कर दिया था, जिसमें फराटे (32) सहित तीन जवान शहीद हो गए थे। महाराष्ट्र में फुरसंगी के भेकरे नगर निवासी सौरभ का पार्थिव शरीर रविवार को जम्मू से पुणे लाया गया। उनके शव को आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज में रखा गया था, जहां हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार भी थे। उन्होंने शहीद जवान के परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की।
शहीद जवान के शोकाकुल पिता नंदकुमार फराटे ने पवार से कहा, “हम उसे बहुत याद करते हैं। सौरभ से जुड़ी बहुत सारी यादें हैं। वह बचपन से ही साहसी था और देश के लिए कुछ करना चाहता था।”देश के अपने बेटे के सर्वोच्च बलिदान का जिक्र करते हुए उन्होंने सरकार से उसकी मौत के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को कड़ा सबक सिखाने की मांग की।
सौरभ ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले दो महीने के अवकाश पर थे और इस दौरान 24 अक्टूबर को उन्होंने परिवार के साथ मिलकर अपनी जुड़वां बेटियों का जन्मदिन मनाया था। सौरभ अपने बड़े भाई के नक्शेकदम पर चलते हुए 2003 में सेना में भर्ती हुए थे।
उनके परिवार में उनकी पत्नी, जुड़वां बेटियां और बुजुर्ग माता-पिता हैं। उनके भाई भी जम्मू एवं कश्मीर में सेना में तैनात हैं। भेकरे नगर और आसपास के गांव के लोगों ने उनकी अंतिम यात्रा में हिस्सा लिया। उन्होंने ‘सौरभ फराटे अमर रहें’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए।
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