युवाओं को नौकरी बांटने आ रही कंपनियों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।
सेवायोजन विभाग के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार रोजगार की तलाश में घूमने वाले केवल दस फीसदी युवा ही नौकरी के काबिल हैं। सेवायोजन कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष 29 जून से दिसंबर अंत तक क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय ने कुल 11 रोजगार मेले लगाए।
रोजगार मेलों के जरिए करीब 48 अलग-अलग कंपनियों में लगभग ढाई हजार युवाओं को रोजगार दिया जाना था। कुल पदों के करीब दोगुने युवाओं ने आवेदन भी किया। लेकिन जब कंपनियों ने स्क्रीनिंग की तो 90 फीसदी बेरोजगार बाहर हो गए। ज्यादातर युवा तीन चरणों की सलेक्शन प्रॉसेस के पहले फेज को भी पार नहीं कर पाए। आंकड़ों के अनुसार कुल 2545 पदों पर भर्ती के लिए रोजगार मेला आयोजित किया गया।
इसमें कुल 4492 युवा शामिल हुए, जिसमें से 491 ही नौकरी के लायक मिले। बाकि 2054 पद योग्य अभ्यर्थी न मिलने के चलते खाली रह गए। योग्य युवा न मिल पाने के कारण अब बड़ी कंपनियां देहरादून में रोजगार मेले में भाग लेने में दिलचस्पी नहीं ले रही हैं। क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी अजय कुमार अपने व्यक्तिगत प्रयासों से लगातार प्राइवेट कंपनियों को रोजगार मेले लगाने के लिए मनाते रहे हैं। लेकिन अपेक्षित रिक्रूटमेंट न हो पाने के कारण कंपनियों की रूचि लगातार घट रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, युवाओं के रिजेक्ट होने का एक बड़ा कारण अंग्रेजी का डर भी है। इंग्लिश कम्युनिकेशन उनके लिए सबसे बड़ी परेशानी बन रहा है। इसके अलावा कंपनी व उसकी सेवाओं या उत्पादों की जानकारी न होना, कमजोर कम्युनिकेशन स्किल के कारण भी बड़ी संख्या में युवा रिजेक्ट होते हैं। सामान्य जानकारी और कांफिडेंस की कमी इंटरव्यू में उनके लिए परेशानी का सबब बनती है।
यह हुए रोजगार मेले
माह – पद – रजिस्ट्रेशन – नौकरी मिली
29 जून – 120 – 509 – 28
5 जुलाई – 30 – 54 – 5
22 जुलाई – 75 – 425 – 40
25 जुलाई – 150 – 350 – 36
5 अगस्त – 15 – 185 – 6
10 अगस्त – 70 – 350 – 40
27 अगस्त – 100 – 210 – 30
14 सितंबर – 100 – 351 – 40
24 अक्टूबर – 15 – 50 – 8
4 नवंबर – 1770 – 1811 – 249
29 नवंबर – 100 – 197 – 9