एजेंसी/ पटना। बिहार के मोकामा में फसल बर्बाद करने वाली नीलगायों की गोली मारकर हत्या के मामले में मोदी के दो मंत्री आपस में भिड़ गए हैं। इस मामले में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर पर बिफर पड़ीं हैं। मेनका ने आरोप लगाया है कि पर्यावरण मंत्री जावड़ेकर राज्यों को चिट्ठी लिख रहे हैं और जानवरों को मारने की मंजूरी दे रहे हैं। वहीं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि राज्यों के आग्रह के बाद ही जानवरों को मारने का आदेश दिया गया है।
महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने आरोप लगाया कि हमारी सरकार में पहली दफा पर्यावरण मंत्रालय इतना सक्रिय हो गया है और हर राज्य को चिट्ठी लिखकर पूछ रहा है कि किस जानवर को मारना है, वह आदेश दे देगा। वहीं जावड़ेकर का कहना है कि जानवरों के हाथों फसल खराब होने से परेशान किसानों ने इसकी मांग की थी, जिसके बाद जानवरों को मारने की अनुमति दी गई है।
मेनका ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय हर राज्य को लिख रहा है कि आप बताओ किसको मारना है। हम इजाजत दे देंगे। बंगाल में उन्होंने कह दिया कि हाथी को मारें। हिमाचल को कहा कि हाथी को मारें। गोवा में कह दिया कि मोर को। अब कोई जानवर नहीं छूटा। चांदपुर में इतना अनर्थ हो रहा है कि उन्होंने 53 जंगली सुअर मारे हैं। अभी और 50 की इजाजत दी है। इस घटना के लिए पर्यावरण मंत्रालय जिम्मेदार है।
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि किसने क्या कहा उस प्रतिक्रिया नहीं देता। लेकिन कानून के आधार पर किसान की फसल का नुकसान होता है और राज्य सरकार प्रस्ताव देती है तो हम राज्य सरकार को मंजूरी देते हैं। ये केंद्र सरकार का नहीं राज्य सरकार का काम है। इसके लिए पहले से ही कानून बना हुआ है।
एक अनुमान के मुताबिक मोकामा टाल में 10 हजार से ज्यादा नीलगाय हैं। ये नीलगाय हर साल लाखों रुपए की फसल बर्बाद कर देते हैं।