निर्भया गैंगरेप के आरोपियों की फांसी की सजा को बरकरार रखने के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला सदमों की सुनामी ला देने वाली है। कोर्ट ने कहा कि ये घटना जानने के बाद यकीन ही नहीं होता कि इस ग्रह पर या धरती पर भी ऐसा हो सकता है।बता दें कि 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया कांड ने पूरे देश को हिला कर रखा दिया था और लोगों को गुस्सा सड़क पर आ गया था। आम जनता का गुस्सा इतना भड़क गया कि वो दिल्ली के रायसीना हिल्स पर पहुंच गए और राष्ट्रपति भवन में घुसने तक की कोशिश की थी।
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लोगों के बढ़ते गुस्से को देखते हुए सरकार ने बलात्कार के मामलों को रोकने के लिए तुरंत ही कुछ कदम उठाए जो इस प्रकार हैं और इस तरह के ममालों की प्रतिक्रिया में भी बदलाव आया है…
1. निर्भया गैंगरेप के बाद देश में मीडिया सहित पुलिस तक में बलात्कार की घटनाओं को लेकर जीरो टॉलरेंस बना है। यानि अब इस तरह की छोटी सी छोटी सी घटना को भी पुलिस सहित मीडिया बेहद संवेदनशीलता से लेती है।
2. निर्भया गैंगरेप के बाद नाबालिग की उम्र सीमा को 18 वर्ष से कम कर 16 वर्ष कर दिया। बता दें कि निर्भया कांड का एक आरोपी नाबालिग था जो घटना के दौरान 18 साल की उम्र से कुछ ही महीने कम था।
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4. ई-बॉक्स का निर्माण: निर्भया केस के बाद देश भर में थानों के बाहर ई-बॉक्स लगाए गए जिसमें बलात्कार से जुड़ी किसी भी जानकारी को इस बॉक्स में डाला जा सकता है जिसमें किसी की भी पहचान को सामने आने से बचाया जा सकता है।
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