नौणी में जुटे बाल वैज्ञानिकों ने अपने आविष्कारों से अतिथियों को हैरत में डाल दिया। प्रदेश स्तरीय बाल विज्ञान सम्मेलन में सूबे के कोने-कोने से नन्हे वैज्ञानिक जुटे हैं। इस बार आकर्षण का केंद्र रहा हाथ से बना रोबोट जिस पर तीन स्कूलों के वैज्ञानिकों ने मेहनत की है। इस रोबोट को तीनों स्कूलों ने लगभग एक जैसी विधि से बनाया है।
रोबोट से भारी चीजों को उठाया जा सकता है और साथ ही सामान को इधर से उधर पहुंचाने में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इस रोबोट को बनाने में मंडी के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चौंतड़ा, रेनबो इंटरनेशनल स्कूल नगरोटा बगवां और स्टोक्स मेमोरियल स्कूल शिमला की अहम भूमिका है। तीनों स्कूलों की एक जैसे आविष्कार को एक साथ रखा गया है।
बच्चों ने पहले दिन सम्मेलन में पहुंचे विशेष अतिथियों व अन्य को रोबोट को चलाकर दिखाया। रोबोट के बटन दबाते ही काम में जुट जाने की क्रिया ने मौजूद दर्शकों को हैरत में डाल दिया।
रोबोट का आविष्कार करने वाले नन्हे वैज्ञानिकों प्रणय, सुलभ, कपिल, नरेंद्र, नितेश और अध्यापक कुनाल शर्मा ने बताया कि रोबोट का अविष्कार कड़ी मेहनत के बाद हुआ है। प्रदर्शनी में साइंस टेक्नोलॉजी इंजीनियर एंड मैथेमेटिक्स के अधार पर रोबोट को एक इंसानी कार्य करने की क्षमता से अधिक कार्य करने योग्य बनाया गया है।
इसे चलने योग्य बनाने के लिए बच्चों ने उसमें टायर और किसी वस्तु को उठाने के लिए इंसानी हाथ की तरह क्रेन का प्रयोग किया गया है, जो बैटरी के जरिये कार्य करता है। बच्चों ने बताया कि प्रोगाम फिट कर इसे और बेहतर बनाया जा सकता है।
रोबोट को मिली सराहना
रोबोट में सेंसर लगाया जा सकता है, जो आगे बने रास्ते को बिना देखे महसूस कर चल सकता है। इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए आविष्कार बॉक्स की माईनग्रेस टीम इसे हैंडल कर रही है।
विज्ञान सम्मेलन के मुख्य अतिथि अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण व विज्ञान प्रौद्योगिकी तरुण कपूर, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद के संयुक्त सदस्य सचिव कुनाल सत्यार्थी और विशेष अतिथि उपायुक्त सोलन राकेश कंवर ने इस आविष्कार की खूब सराहना की।
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