धनतेरस पर खरीदारी का मुहूर्तः जानें कब क्या खरीदें

धनत्रयोदशी को सामान्यत: नई वस्तुओं के क्रय का काल माना जाता है। लोग गाड़ी से लेकर गहने तक इस पावन दिवस में ही घर लाना चाहते हैं। मुहूर्त शास्त्र कहता है कि हर कार्य और क्रिया का एक विशिष्ट काल होता है। यदि सही समय में कार्य किया जाए तो काम सरलता से और सफलता पूर्वक संपन्न होता है। इस बार धनतेरस मंगलवार को है। लिहाजा मान्यताओं के अनुसार सोने, चांदी और वाहन खरीदने के लिए इस बार की धनतेरस बहुत शुभ है। लेकिन ध्यान रखिए कि कोई भी खरीदारी आपकी आवश्यकता से अवश्य जुड़ी हो। वस्तुओं को खरीदने के लिए शुभ और अशुभ चौघड़िया…
अमृत और शुभ चौघड़िया में इन्हें खरीदें
इस धनतेरस पर यदि आप गाड़ी ख़रीदना चाहते हैं तो उसे चर चौघड़िया या अमृत चौघड़िया में खरीदना चाहिए। यदि चांदी खरीदना चाहते हैं तो इसे अमृत चौघड़िया में खरीदें। स्वर्ण के आभूषण का क्रय अमृत या शुभ चौघड़िया में करें।
हीरे के गहने
हीरे के गहने खरीदने के लिए शुभ और चर चौघड़िया का चुनाव करें। स्टील के बर्तन शुभ चौघड़िया में खरीदना चाहिए। ताम्बे का बर्तन लाभ चौघड़िया में और पीतल के पात्र शुभ और अमृत चौघड़िया में घर लाना चाहिए।
टीवी, फ्रिज खरीदने का शुभ समय
इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम लाभ चर चौघड़िया में घर लाएं। संपत्ति संबंधित व्यवहार शुभ या अमृत चौघड़िया में करें। भूल कर भी धनतेरस की खरीदारी रोग या उद्वेग चौघड़िया में न करें।
गाड़ी खरीदने के लिए शुभ समय
सुबह 6 बजकर 30 मिनट से 9 बजकर 30 मिनट तक रोग और उद्वेग चौघड़िया है। इस समय खरीदारी करना रोग और कष्ट को बढ़ाने वाला हो सकता है। जो लोग वाहन खरीदना चाह रहे हैं उनके लिए 9 बजकर 30 मिनट से 11 बजे का समय सबसे उत्तम है। इसके बाद 2 बजे तक का समय भी शुभ फलदायी है क्योंकि इस बीच लाभ और अमृत चौघड़िया है।
इस समय खरीदें बर्तन
शाम 3 बजकर 30 मिनट से 5 बजे तक और रात 11 बजे से 12 बजकर 30 मिनट तक शुभ चौघड़िया में स्टील और पीतल के बर्तन खरीदना लाभदायी रहेगा। दिन में 12 बजकर 30 मिनट से 2 बजे तक और रात 12 बजकर 30 मिनट से 2 बजे तक चांदी की खरीदारी विशेष शुभ फलदायी रहेगी।
चौघड़ियाः शुभ अशुभ समय जानें
प्रातः6.30-प्रातः 8- रोग, प्रातः8 प्रातः 9.30- उद्वेग, प्रातः 9.30- प्रातः 11.00-चर, दिन 11.00-दोपहर 12.30-लाभ, दोपहर 12.30-दोपहर 2-अमृत, दोपहर 2-संध्या 3: 30-काल , संध्या 3: 30-संध्या 5.00-शुभ, संध्या 5.00-संध्या 6.30-रोग,
संध्या 6.30-रात्रि 8-काल, रात्रि 8-रात्रि 9.30- लाभ, रात्रि 9.30-रात्रि 11-उद्वेग, रात्रि 11-मध्य रात्रि 12.30- शुभ, मध्य रात्रि 12.30-प्रातः 2.00-अमृत।

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