आजकल विदेश यात्रा और विदेशों में काम करने को एक सुअवसर के रूप में देखा जाता है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण में देखें तो हमारी कुंडली में बने कुछ विशेष ग्रहयोग ही हमारे जीवन में विदेश से जुड़कर काम करने या विदेश यात्रा का योग बनाते हैं। हमारी जन्मकुंडली में बारहवें भाव का सम्बन्ध विदेश और विदेश यात्रा से जोड़ा गया है इसलिए दुःख भाव होने पर भी आज के समय में कुंडली के बारहवे भाव को एक सुअवसर के रूप में देखा जाता है। चन्द्रमा को विदेश यात्रा का नैसर्गिक कारक माना गया है। कुंडली का दशम भाव हमारी आजीविका को दिखाता है तथा शनि आजीविका का नैसर्गिक कारक होता है अत: विदेश यात्रा के लिये कुंडली का बारहवां भाव, चन्द्रमा, दशम भाव और शनि का विशेष महत्व होता है। जानिए कुंडली में कौन से योग कराते हैं विदेश यात्रा।
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