मल्लपुरम (केरल)। भले ही विपक्ष तीन तलाक बिल की राह में रोड़ा बनकर खड़ा हो गया हो, मगर तीन तलाक की प्रथा के खिलाफ देश की मुस्लिम महिलाओं की आवाज ने इस मुद्दे को इस स्तर तक पहुंचाया है। इनमें देश की पहली महिला इमाम जमिदा भी शामिल हैं, जिन्होंने कहा है कि आलोचनाओं के बावजूद वह तीन तलाक को खत्म करने और महिलाओं को समान अधिकार दिलाने के लिए अपना संघर्ष यूं ही जारी रखेंगी।
34 वर्षीय जमिदा ने कहा, ‘मैं तीन तलाक को खत्म करने और महिलाओं को मुख्य धारा में लाने के लिए अपना संघर्ष जारी रखूंगी।’ उन्होंने आगे कहा कि जो उनकी आलोचना कर रहे हैं, वो बिना किसी तर्क के कर रहे हैं और व्यक्तिगत तौर पर निशाना बना रहे हैं।
गौरतलब है कि जमिदा 26 जनवरी को जुमे की नमाज का नेतृत्व करने वालीं पहली महिला इमाम बनीं। भारतीय इतिहास में यह पहली बार हुआ है। जमिदा ने केरल के मल्लपुरम स्थित एक मस्जिद में शुक्रवार की नमाज अदा की प्रक्रिया का नेतृत्व किया।
आपको बता दें कि बजट सत्र शुरू होने के साथ ही एक बार फिर तीन तलाक बिल का मुद्दा गरमा गया है। अब सरकार एक तरफ जहां इसे पास कराने में जुट गई है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षियों ने एक बार फिर रोड़ा बनकर राह में खड़े होने की ठान ली है। उनकी नजर में इस बिल में कई खामियां हैं, जिसे सरकार नजरअंदाज कर रही है।
हालांकि पीएम मोदी ने भी सोमवार को विपक्ष से अपील की थी कि वे इस बिल को पास होने दें, क्योंकि ये मुस्लिम महिलाओं के हित में हैं। संसद में अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी उम्मीद जताई थी कि ये बिल जल्द पास हो जाएगा। ये मुस्लिम महिलाओं के भले के लिए है, ताकि वे भी एक सम्मानित और भयमुक्त जिंदगी जी सकें।
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