ताजमहल देखने गए तीन दोस्तों ने अपने दिल की बातों का इजहार किस तरह किया, जरा ये देखिए।
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तकदीर है मगर किस्मत नहीं खुलती,
ताज महल बनाना चाहता हूं , मगर
मुमताज नही मिलती .
आशिक —
तकदीर है मगर किस्मत नहीं खुलती,
मुमताज मिल गई है , मगर
शादी नहीं करती ….
शादीशुदा —
तकदीर है मगर किस्मत नहीं खुलती,
ताजमहल बनाना चाहता हूं, मगर
मुमताज नही मरती !!