नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक दंपति को तलाक की मंजूरी देते हुए दोनों पर इंटरनेट और सोशल मीडिया समेत किसी भी स्थान पर एक-दूसरे की तस्वीर जारी करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्व पति को दो महीने के भीतर महिला को 37 लाख रुपये गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया है।
इस मामले की सुनवाई करने वाली पीठ में न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे। दोनों पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वे झगड़े को खत्म करना चाहते हैं और उनकी शादी खत्म की जाए। इसके बाद पीठ ने यह आदेश दिया। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि न तो पति और न ही पत्नी सोशल मीडिया या ऑनलाइन समेत किसी भी स्थान पर किसी भी तरह से एक-दूसरे की तस्वीर लगाएंगे। पति और पत्नी एक-दूसरे पर भविष्य में कोई दावा नहीं कर सकते। महिला ने अपने वकील दुष्यंत पाराशर के जरिये उस व्यक्ति से गुजारा भत्ता भी मांगा था।