डायबिटीज में Weight Loss करने के लिए क्या है बेहतर विकल्प?

Diabetes एक गंभीर बीमारी है जो कई लोगों के लिए परेशानी की वजह बनी हुई है। यह एक लाइलाज बीमारी है जिसे दवाओं और हेल्दी लाइफस्टाइल से कंट्रोल किया जाता है। इस दौरान अक्सर व्यक्ति को वजन कंट्रोल करने की सलाद दी जाती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम बताएंगे डायबिटीज में Weight Loss के लिए रोटी या चावल (Roti Vs Rice For Weight Loss) क्या बेहतर है।

बढ़ता वजन इन दिनों कई लोगों के लिए परेशानी की वजह बना हुआ है। दिनभर ऑफिस चेयर पर बैठे रहने की वजह से लोग अक्सर मोटापे (Obesity) का शिकार होने लगते हैं। बढ़ता वजन कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह होता है, लेकिन डायबिटीज की समस्या में यह गंभीर साबित हो सकता है। इसलिए डायबिटीज (Diabetes) से पीड़ित व्यक्ति को हमेशा अपना वजन कंट्रोल में रखने की सलाह दी जाती है।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि डायबिटीज वजन कंट्रोल करने के लिए चावल ज्यादा बेहतर है या रोटी। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और अपना वजन मेंटेन करने की कोशिश कर रहे हैं, तो आइए आपको बताते हैं वेट लॉस के लिए रोटा ज्यादा बेहतर या चावल।

न्यूट्रिएंट कंटेंट
चावल और रोटी दोनों ही भारतीय खानपान का अहम हिस्सा है। लोग अपनी पसंद के मुताबिक इन्हें अपनी डाइट में शामिल करते हैं। आमतौर पर चावल की तुलना में रोटी में ज्यादा मिनरल होते हैं। हालांकि रोटी और चावल दोनों में ही कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है। वहीं, रोटी में प्रोटीन की जगह फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, लेकिन चावल की तुलना में इसमें उतनी ही मात्रा में प्रोटीन होता है।

चावल में फाइबर कम होने की वजह से आप भले ही एक कटोरा भरकर चावल खा लें, आपको दोबारा भूख लगने लगती है, क्योंकि इसमें मौजूद स्टार्च को पचाना बेहद आसान होता है। ऐसे में फाइबर कंटेंट ज्यादा होने की वजह से रोटी वेट लॉस का ज्यादा बेहतर ऑप्शन है। आइए जानते हैं क्यों बेहतर है रोटी-

रोटी चावल से बेहतर क्यों है?

अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं या आपको डायबिटीज की समस्या है, तो रोटी चुनना बेहतर ऑप्शन है।
चावल एक साधारण कार्ब है, जो तेजी से पचता है और ब्लड स्ट्रीम में ग्लूकोज छोड़ता है, जिससे ब्लड शुगर में बढ़ोतरी होती है। दूसरी तरफ, रोटी एक लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स कार्बोहाइड्रेट है, जिसे खाने पर डायबिटीज के मरीजों के ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है।
रोटियों में नमक की हेल्दी मात्रा पाई जाती है। करीब 120 ग्राम गेहूं में 90 मिलीग्राम सोडियम पाया जा सकता है और सोडियम हेल्दी रहने के लिए जरूरी है। साथ ही सोडियम पानी को बरकरार रखता है, जो ब्लड फ्लूइडिटी को कंट्रोल करने में मदद करता है। इस तरह रोटी खून को गाढ़ा नहीं होने देता, जो हार्ट से जुड़ी कई समस्याओं की वजह बन सकता है।
रोटी में सोडियम के अलावा कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम भी काफी मात्रा में होते हैं, जिनकी चावल में कमी होती है। इस तरह यह कहना गलत नहीं होगा कि डायबिटीज में वेट लॉस के लिए रोटी ज्यादा बेहतर है।

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