आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अगर घर में टूटे-फूटे या गंदे बर्तनों का प्रयोग किया जाता है तो इससे हमारा मन खराब हो जाता है। इससे घर में क्लेश व द्वेष का माहौल बन जाता है।
इसे ही घर में नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश के नाम से जाना जाता है। ऐसा आपके साथ न हो इसलिए इस बातों पर थोड़ा समय निकालकर गौर करें…..
वास्तुशास्त्र में ये बताया गया है कि जिस तरह के बर्तन का उपयोग भोजन को पकाने और खाने के लिए किया जाता है उसका सीधा प्रभाव हमारे भाग्य पर भी पड़ता है। इसलिए नियमित रूप से उपयोग में आने वाले बर्तन हमेशा साफ करके रखने चाहिए। साथ ही अतिरिक्त बर्तनों को स्टोर रूम या अन्य कहीं एक साथ रखना चाहिए।
अगर कोई बर्तन टूट गया हो तो उसे घर में नहीं रखना चाहिए। इससे न केवल कभी कोई दुर्घटना हो सकती है बल्कि यह आपके परिवार की खुशहाली में भी बाधक बनेगा। क्योंकि टूटे बर्तन आर्थिक तंगी के भी परिचायक होते हैं। सोने व चांदी के पात्रों में भोजन करना भाग्य के साथ ही स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभकारी होता है। क्योंकि चांदी के पात्रों में भोजन करने से जहां शरीर को ठंडी तासीर मिलती है।
वहीं सोने के बरतनों में भोजन करने से उसके कुछ अंश आपके शरीर में भी जाते हैं। आयुर्वेद में ये शरीर के लिए लाभकारी बताया गया है। इसीलिए च्यवनप्राश में डाली जाने वाली जड़ी.बूटियों में स्वर्ण की भस्म भी मिलायी जाती है। बर्तनों को ढेर लगाकर रखने की बजाए उन्हें करीने से जमाकर रखें। इससे वे एक.दूसरे से बेवजह टकराएंगे नहीं। इससे आपके घर की अशांति में कमी आएगी।