उत्तर प्रदेश के जेल राज्यमंत्री जय कुमार जैकी ने बाराबंकी जेल के अधीक्षक उमेश कुमार सिंह पर 50000 की रिश्वत देने का आरोप लगाया है. इस मामले पर हजरतगंज कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है. अधीक्षक उमेश कुमार सिंह के खिलाफ रिश्वत देने और नशे की हालत में आने की शिकायत करते हुए केस दर्ज करा दिया. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं आरोपित जेल अधीक्षक ने आरोपों को गलत बताया.
हजरतगंज पुलिस को जेल राज्य मंत्री के शैडो सौरभ ने तहरीर दी, जिस पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. कोतवाली प्रभारी आनंद कुमार शाही ने बताया कि तहरीर में तहरीर में सौरभ ने जेल राज्यमंत्री के हवाले से कहा है कि जेल अधीक्षक उमेश कुमार मंगलवार की रात डालीबाग स्थित मंत्री आवास में जेल राज्य मंत्री के आवास पर आए. वह नशे में धुत थे. मंत्री से मिलने की बात कहकर वह भीतर पहुंच गए. नशे में होने की वजह से मंत्री ने जेल अधीक्षक को वापस जाने को कहा. वहां से जाते समय जेल अधीक्षक मेज पर एक लिफाफा छोड़ गए. बाद में लिफाफा खोलकर देखा गया तो उसमें 50 हजार रुपये थे, इसीलिए उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है.
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वहीं जेल अधीक्षक का कहना है कि वह मंगलवार को बाराबंकी में ही थे. वह लखनऊ गए ही नहीं तो मंत्री को नोटों से भरा लिफाफा देने का सवाल ही नहीं उठता है. उनका कहना है कि ऐसे आरोप क्यों लगाए गए? यह समझ से परे है. जेल अधीक्षक ने यह भी बताया कि 15-20 दिन पहले उन्होंने जेलर घनश्याम सिंह के कार्य से असंतुष्ट होकर लिखापढ़ी की थी. उन्हें बुधवार को रिलीव भी कर दिया गया है. इसके पीछे कोई साजिश भी हो सकती है
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