लखनऊ। जेल में बंद जीएसटी कमिश्नर संसार चंद उनके साथियों को वीआइपी ट्रीटमेंट देने और कोरेंटाइन बैरक में रखने के मामले में अपर महानिरीक्षक जेल वीके जैन ने जेल अधीक्षक से न केवल स्पष्टीकरण मांगा है, बल्कि जेल मैनुअल के अनुसार बंदियों को रखने की रिपोर्ट भी तलब की है। अपर महानिरीक्षक जेल ने यह कार्रवाई दैनिक जागरण में प्रमुखता से छपी खबर ‘जेल में संसार चंद को दुनिया भर की मौज’ का संज्ञान लेते हुए की है।
व्यापारियों को अनुचित लाभ पहुंचाकर करोड़ो रुपये ऐंठने के आरोप में जीएसटी कमिश्नर संसार चंद, अधीक्षक अजय श्रीवास्तव, राजीव सिंह चंदेल के अलावा सौरभ पांडेय, सुरेश कुमार और अधिवक्ता अमित अवस्थी को सीबीआइ ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद 16 फरवरी को न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार लखनऊ में दाखिल किया था। जेल में उन्हें मुलाहिजा बैरक में रखने के बजाए रसूख के बल पर कोरेंटाइन बैरक में रखा गया था। यहां उन्हें कैंटीन का खाना, चाय, काफी और स्नैक्स की सुविधाएं भी दी जा रही थीं। उल्लेखनीय है कि सभी आरोपितों पर व्यापारियों को सीजीएसटी मामलों में अनुचित लाभ दिलाने में सहयोग करने एवं षड़यंत्र रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
जेल में जाते ही हो गए बीमार
सूत्रों के मुताबिक जेल में जाते ही अधिवक्ता अमित अवस्थी बीमार हो गए। अमित लिवर में दिक्कत बताते हुए अस्पताल में भर्ती होने की अपनी व्यवस्था बना रहे हैं। बताया जा रहा है कि इसके लिए अमित के परिवारीजनों और मिलने वालों ने कई लोगों से पैरवी भी की है। अपर महानिरीक्षक जेल वीके जैन ने बताया कि इस संबंध में जेल अधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा गया है। पूरे मामले की उनसे रिपोर्ट तलब की गई है कि किस आधार पर जीएसटी कमिश्नर और उनके साथियों को अलग बैरक में रखा गया है।
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