नई दिल्ली: विवादों के कारण सुर्खियों में रहने वाला जेएनयू एक बार फिर से मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. विश्विद्दालय प्रशासन की ओर से हॉस्टल मेस की फीस 100 प्रतिशत बढ़ाए जाने के फैसले का छात्रों ने विरोध किया है. डीन ऑफिस की ओर से जारी किए गए सर्कुलर में मेस और गेस्ट के लिए परोसे जाने वाले खाने के रेट बढ़ाने का फैसला किया गया है.जेएनयू में एक बार फिर छात्रों ने किया आंदोलन, इस बार ये है कारण

इस आदेश के मुताबिक नए रेट बीते एक जनवरी से लागू करने की बात कही गई है. नए आदेश के अनुसार मेस के रेट 2700 रुपए से बढ़ाकर 4500, किचन यूटेंसिल्स चार्ज 50 रुपए से बढ़ाकर 200 और अखबार के रेट 15 रुपए से बढ़ाकर 50 रुपए कर दिए गए हैं. इसके अलावा मेस की लेट पेमेंट फीस भी 1 रुपए प्रतिदिन से बढ़ाकर 20 रुपए करने का आदेश दिया गया है.

जेएनयू प्रशासन के इस फैसले को छात्रसंघ महासचिव सतरूपा चक्रबर्ती ने छात्रों के खिलाफ करार दिया है. उन्होंने कहा कि विश्विद्दालय का इस प्रकार का रवैया दिखाता है कि उसे छात्रहित से कोई सरोकार नहीं है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जेएनयू में देश भर के कोने-कोने से गरीब और मध्यम परिवार के बच्चे पढ़ने आते हैं, लेकिन प्रशासन का इस प्रकार का फैसला उन्हें शिक्षा के मंदिर से दूर कर रहा है. बता दें कि इससे पहले भी जेएनयू कई बार विवादों में घिर चुक है. यहां कभी बीफ पार्टी को लेकर तो कभी भारत के खिलाफ जंग जैसे नारों की गूंज सुनी जा चुकी है.