गुरु गोबिंद सिंह को ज्ञान, सैन्य क्षमता और दूरदृष्टि का सम्मिश्रण माना जाता है. उनका जन्म पटना साहिब में हुआ था और वहां उनकी याद में एक खूबसूरत गुरुद्वारा भी निर्मित किया गया है. वे सिखों के 10वें और अंतिम गुरु थे. उन्होंने ही साल 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी. उन्होंने ही गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का गुरु घोषित किया.
सिखों के 10वें गुरु गुरु गोविन्द सिंह की 350वीं जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जा रहा है. हम आपको रूबरू करा रहे हैं गुरु गोबिंद सिंह के 11 ऐसी बातों से जिन्हें जान कर आपकी जिंदगी बेहतर हो सकती है.
1. धरम दी किरत करनी: अपनी जीविका ईमानदारी पूर्वक काम करते हुए चलाएं
2. दसवंड देना: अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान में दे दें.
3. गुरुबानी कंठ करनी: गुरुबानी को कंठस्थ कर लें.
4. कम करन विच दरीदार नहीं करना: काम में खूब मेहनत करें और काम को लेकर कोताही न बरतें.
5. धन, जवानी, तै कुल जात दा अभिमान नै करना: अपनी जवानी, जाति और कुल धर्म को लेकर घमंडी होने से बचें.
6. दुश्मन नाल साम, दाम, भेद, आदिक उपाय वर्तने अते उपरांत युद्ध करना: दुश्मन से भिड़ने पर पहले साम, दाम, दंड और भेद का सहारा लें, और अंत में ही आमने-सामने के युद्ध में पड़ें.
7. किसी दि निंदा, चुगली, अतै इर्खा नै करना: किसी की चुगली-निंदा से बचें और किसी से ईर्ष्या करने के बजाय मेहनत करें.
8. परदेसी, लोरवान, दुखी, अपंग, मानुख दि यथाशक्त सेवा करनी: किसी भी विदेशी नागरिक, दुखी व्यक्ति, विकलांग व जरूरतमंद शख्स की मदद जरूर करें.
9. बचन करकै पालना: अपने सारे वादों पर खरा उतरने की कोशिश करें.
10. शस्त्र विद्या अतै घोड़े दी सवारी दा अभ्यास करना: खुद को सुरक्षित रखने के लिए शारीरिक सौष्ठव, हथियार चलाने और घुड़सवारी की प्रैक्टिस जरूर करें. आज के संदर्भ में नियमित व्यायाम जरूर करें.
11. जगत-जूठ तंबाकू बिखिया दी तियाग करना: किसी भी तरह के नशे और तंबाकू का सेवन न करें.