हल्दी दूध का सेवन भारत में सदियों से होता आ रहा है। आपको भी याद होगा कि सर्दी के आने पर कैसे घर पर हल्दी दूध सभी के लिए तैयार किया जाता था, ताकि इम्यूनिटी मज़बूत हो और शरीर को इन्फेक्शन्स से लड़ने की ताकत मिले। सर्दी में आमतौर पर कोल्ड, फ्लू, खांसी जैसे संक्रमण सभी को परेशान करते हैं।
हल्दी दूध पीने के क्या फायदे हैं?
- हल्दी दूध प्राकृतिक रूप से एंटी-इंफ्लेमेटरी होता है और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरा होता है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नाम का कंपाउंड हमारी सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचाता है।
- दूध में हल्दी मिलाकर पीने से इम्यूनिटी को बढ़ावा मिलता है, जिससे दिल की बीमारियों के साथ अन्य रोगों का जोखिम कम होता है।
- यह हड्ड्यों के साथ त्वचा की सेहत के लिए भी बेहतरीन साबित होता है।
- हल्दी दूध पाचन में फायदा पहुंचाता है। जो लोग लैक्टॉस इन्टॉलेरेंट होते हैं, उन्हें बाज़ार में मिलने वाले हल्दी दूध की जगह घर पर बने हल्दी दूध को आज़माना चाहिए, लेकिन ध्यान रखें कि इसे गर्म ही पिएं।
- हल्दी दूध मस्तिष्क के कार्य को बढ़ावा देता है। कई रिसर्च में करक्यूमिन के दिमाग पर प्रभाव को देखा गया है। करक्यूमिन ब्रेन-डेराइव्ड न्यूरोट्रोपिक फैक्टर (BDNF) से जुड़ा हुआ है, क्योंकि यह इसका स्तर बढ़ाता है। आपको बता दें कि BDNF मस्तिष्क को नए संबंध बनाने में मदद करता है और मस्तिष्क कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देता है।
- हल्दी में मौजूद करक्यूमिन मूड को बूस्ट करने का काम भी करता है। कई रिसर्च में देखा गया है कि करक्यूमिन का प्रभाव भी एंटीडिप्रेसन्ट्स की तरह का ही होता है।
हल्दी दूध कैसे बनाएं
हल्दी दूध को दूध में हल्दी मिलाकर बनाया जाता है। इसे आमतौर पर गुनगुना पीते हैं। आप इसके लिए पहले दूध को एक पतीले में डालकर गैस पर चढ़ा दें और फिर उसमें चुटकी भर हल्दी डाल दें। इसे गर्म होने पर गिलास में डालकर पी लें। हालांकि, इसे तैयार करने के कई तरीके आपको ऑनलाइन मिल जाएंगे। आप इस दूध में हल्दी के अलावा इलायची के बीज, काली मिर्च पाउडर, लौंग, दालचीनी आदि भी मिला सकते हैं।
एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि हल्दी दूध को हमेशा गुनगुना ही पीना चाहिए और वो भी सोने से पहले। ऐसा माना जाता है कि हल्दी का दूध नींद आने में मदद करता है और आप बच्चे की तरह सोते हैं। अगर आप लैक्टॉस इन्टॉलेरेंट हैं, या फिर दूध आपको पसंद नहीं है, तो छाछ में भी हल्दी डालकर पिया जा सकता है।