लखनऊ. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के ऑफिस को भगवा कलर में रंगा जा रहा है। बाहरी दीवारों पर पूरी तरह केसरिया रंग कर दिया गया है। अब मंत्रियों के बंगले और साइन बोर्ड के अलावा लखनऊ के सरकारी गेस्ट हाउस भी केसरिया रंग में रंगे जा रहे हैं। वहीं, अब इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गयी है। योगी ने रविवार को एक निजी कार्यक्रम में इस मुद्दे पर कहा कि सूर्य की पहली किरण से लेकर अग्नि तक केसरिया हैं कहां तक इससे बचोगे।
मंत्रियों के बंगले भी हो रहे भगवा
-कालिदास मार्ग और विक्रमादित्य मार्ग पर स्तिथ कई मंत्रियों के बंगले सफेद से अब केसरिया होते जा रहे हैं। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने गेट से लेकर बंगले के पिलर्स पर बने गुम्बदों को केसरिया रंग से रंगवा दिया है। इसी तरह मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा और कई मंत्रियों का बंगला केसरिया हो गया है।
साइन बोर्ड और सरकारी गेस्ट हाउस भी हुए भगवा
-कई मंत्रियों के घर के सामने लगे हरे रंग के साइन बोर्ड पर अब केसरिया रंग नजर आने लगा है। यही नहीं सीएम बनने के बाद करीब 20 दिन जिस गेस्ट हाउस में योगी ने गुजारे थे उस गेस्ट हाउस का रंग भी अब भगवा हो गया है।
पुरानी है रंगों की सियासत
-चाहे सपा हो या फिर बसपा सभी सरकारों में रंगों की सियासत चलती रही है। बसपा के कार्यकाल में भी शहर में सड़क किनारे लगी ग्रिल्स को नीले रंग से रंग दिया गया था। यही नहीं सपा सरकार में बसों को हरा रंग दिया गया था। यह काम बसपा सरकार में भी किया गया था। हालांकि पार्टी विद डिफ़रेंस बीजेपी ने भी उसी नक़्शे कदम पर चलते हुए यह काम किया है।
क्या कहा योगी ने
-रविवार को भारतेंदु नाट्य अकादमी में हुए एक निजी कार्यक्रम मेंयोगी ने कहा- “भगवा कलर में रंगे जा रहे सीएम हाउस लोगों को अखर रहा है कि ऐनेक्सी का रंग भगवा हो रहा है। आखिर कहां-कहां भगवा रंग से बचेंगे। सूरज की किरणों का रंग भी भगवा है। जिस आग पर हमारा भोजन पकता है, उसका रंग भी भगवा है।
विपक्ष ने साधा निशाना
-मायावती ने “राज्य की बीजेपी सरकार द्वारा बसों व सरकारी ईमारतों आदि का रंग बदलने के कामों को ही राजधर्म मानकर व्यर्थ में समय व संसाधन बर्बाद करने की आलोचना की है।” मायावती ने कहा कि प्रदेश सरकार जनहित व जनकल्याण के मामले में घोर लापरवाह बनी हुई है। अस्पतालों में इलाज के अभाव में हजारों लोग रोज अपनी जान गवां रहे हैं और लाखों घर उजड़ रहे हैं।
-वहीं, सपा नेता सुनील सिंह साजन का कहना है, ”जब से बीजेपी की सरकार बनी है वो विकास पर बात नहीं कर रहे हैं। एक बार सड़क के गड्ढों पर बात की, लेकिन वह भी बंद हो गई। उनके पास दूसरे मुद्दे नहीं हैं तो स्वाभाविक है कि वह ताज और टीपू पर बात करते हैं।”