वाराणसी.यहां के एक महिला सब इंस्पेक्टर को मंगलवार को विजलेंस की टीम ने 20 हजार रुपए घूस लेते रंगे हाथ अरेस्ट कर लिया। इस दौरान वो मुंह छुपाने लगी। ऐसे में वहां मौजूद अफसर ने आरोपी महिला एसआई की वर्दी उतरवा दी और उसे सूट पहनकर निकलना पड़ा।
आगे पढ़िए पूरा मामला…
– मामला वाराणसी के शिवपुर भरलाई का है। पीड़ित टीटीई अभिषेक पाठक ने बताया, ”सब इंस्पेक्टर गीता ने दहेज उत्पीड़न के केस में मेरी बड़ी बहन का नाम हटवाने को लेकर एक लाख रुपए की मांग की थी।”
– ”पहली किस्त मैंने 20 हजार देकर पहले घूसखोर महिला सब इंस्पेक्टर का विश्वास जीता। फिर एंटी करप्शन ब्यूरो को मैंने 18 नवंबर 2017 को कंप्लेन किया, क्योंकि वो लगातार पैसे का दबाव बना रही थी।”
– अभिषेक ने बताया, ”25 अप्रैल 2012 में चंदवक की रहने वाली पूजा चौबे से मेरी शादी हुई थी, जो प्राइमरी टीचर है। उससे 3 साल का एक बच्चा भी है।”
– ”पूजा 3 साल पहले घर से लड़ाई करके मायके चली गई, फिर कभी वापस नहीं आई। कई बार फोन करके बुलाया तब भी नहीं आई। वो चाहती थी कि बूढ़ी मां साथ न रहे। बहन मेरे घर कभी न आए।”
– ”27 जून 2017 को महिला थाने में उसने मेरे, मां और बहन पर दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करवा दिया। जबकि बहन की शादी 2007 में हो चुकी है और वो हमारे साथ भी नहीं रहती थी।”
– ”महिला सब इंस्पेक्टर ने कहा था, पैसे नहीं दोगे तो जेल जाने से कोई रोक नहीं सकता। गीता यादव गोरखपुर कौड़ीराम की रहने वाली है। पति राजेश यादव केराकत में हेड कॉन्स्टेबल हैं।”
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
– इंस्पेक्टर प्रेम शंकर दूबे ने बताया, महिला सब इंस्पेक्टर के पास से प्लान के मुताबिक केमिकल लगे पैसों को पाया गया है। केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। मामला शिवपुर थाने का है, इसलिए करप्शन का मामला सामने आने पर वर्दी उतरवाई गई है।
– वहीं, गीता यादव का कहना है कि जान-बुझकर उसे फंसाया गया है।