छत्तीसगढ़ में पार्टी ने बगैर मुख्यमंत्री चेहरे के मैदान में उतरने का फैसला किया..

कर्नाटक में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी रणनीति बदलती नजर आ रही है। खबर है कि छत्तीसगढ़ में पार्टी ने बगैर मुख्यमंत्री चेहरे के मैदान में उतरने का फैसला किया है। साथ ही संभावनाएं जताई जा रही हैं कि तीन बार सीएम रह चुके रमन सिंह को इस बार बैक सीट पर भेजा जा सकता है। फिलहाल, राज्य में कांग्रेस की सरकार है और पार्टी ने हाल ही में प्रदेश इकाई में कई बड़े बदलाव किए हैं। कहा जा रहा है कि इसके जरिए भाजपा प्रदेश इकाई में गुटबाजी पर अंकुश लगाना चाहती है। हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में नेताओं के साथ बैठक की थी।

This image has an empty alt attribute; its file name is 9u0p.jpg

एक मीडिया रिपोर्ट में भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से बताया गया कि पार्टी इतिहास में पहली बार राज्य में बगैर सीएम फेस के चुनाव लड़ने जा रही है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने ‘समावेशी नेतृत्व’ के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। खास बात है कि भाजपा की तरफ से यह रणनीतिक बदलाव ऐसे समय पर किया जा रहा है, जब पीएम मोदी रायपुर दौरे पर आने वाले हैं।

क्यों रणनीति बदल रही है भाजपा?
कहा जा रहा है कि इसके जरिए भाजपा प्रदेश इकाई में गुटबाजी पर अंकुश लगाना चाहती है। हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में नेताओं के साथ बैठक की थी। पार्टी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को चुनाव प्रभारी बनाया है।

पिछला चुनाव हारी भाजपा
खास बात है कि साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। राज्य में मुख्य रूप से चुनावी मुकाबला भाजपा और कांग्रेस मे ही होती है। 2018 में दोनों दलों में वोट शेयर का अंतर भी बढ़कर 10 प्रतिशत के पार पहुंच गया था। तब भाजपा राज्य की 90 में से सिर्फ 15 सीटें ही जीत सकी थी। जबकि, कांग्रेस ने 68 सीटें हासिल कर सरकार बनाई थी।

लोकसभा में भाजपा की वापसी
2019 लोकसभा चुनाव में ही भाजपा ने एकबार फिर राज्य में मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई और 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल किए थे। तब पार्टी 11 में से 9 लोकसभा सीटें जीतने में सफल रही थी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com