हिमाचल प्रदेश में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई है. भूकंप का एपी सेंटर बिलासपुर बताया जा रहा है. किसी तरह के जान माल के नुकसान की सूचना नहीं है. शुक्रवार रात को भी भूकंप से उत्तर भारत हिल गया था.
दिल्ली-एनसीआर, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल और पंजाब समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान था, जहां भूकंप की तीव्रता 6.3 दर्ज की गई थी.
भूकंप से कई जगहों पर नुकसान की भी खबरें थीं. भूकंप को लेकर पहले खबर आई कि पंजाब का अमृतसर दूसरा केंद्र है, लेकिन इसके बाद मौसम विभाग ने अमृतसर में भूकंप के केंद्र होने बात को खारिज कर दिया था.
इस दौरान हिमाचल के चंबा ,डलहौजी व अन्य इलाकों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. ऊना में भी भूकंप का आशिंक असर था. हालांकि जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था.
इससे पहले 5 जनवरी को हिमाचल प्रदेश के चंबा में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, दोपहर 1.09 बजे के आसपास भूकंप आया था. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई थी.
– 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
– 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.
– 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है.
– 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.
– 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है.
– 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.
– 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं.
– 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं.
– 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर भयंकर तबाही मचती है. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी. भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है.
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