नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और सीनियर ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को बीसीसीआई की ओर से जारी केंद्रीय अनुबंध की नई लिस्ट में सबसे ज्यादा फीस की टॉप श्रेणी में जगह नहीं दी गई है. बीसीसीआई ने नई ग्रेड ए+ श्रेणी की आज ही शुरुआत की जिसमें कप्तान विराट कोहली सहित केवल पांच खिलाड़ी हैं. ग्रेड ए+ श्रेणी में तीन बल्लेबाज कोहली, रोहित शर्मा और शिखर धवन और दो तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह शामिल हैं. इस कैटेगरी के खिलाड़ियों का सालाना अनुबंध सात करोड़ रुपये का होगा. धोनी और अश्विन को क्यों टॉप कैटेगरी में जगह नहीं दी गई है इसकी वजह भी सामने आ गई है.
धोनी-अश्विन ग्रेड ए में, मिलेंगे 5 करोड़ सालाना
धोनी और अश्विन को ग्रेड ए श्रेणी में रखा गया है जिसमें उनका सालाना अनुबंध पांच करोड़ रुपये का होगा. इस श्रेणी में इनके अलावा रविंद्र जडेजा, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और ऋद्धिमान साहा शामिल हैं. वहीं, तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी पर उनकी पत्नी ने घरेलू हिंसा और व्यभिचार के आरोप लगाए हैं और इसलिए उनका नाम रोक दिया गया है. युवराज सिंह और युवा ऋषभ पंत को सूची से हटा दिया गया है जबकि सुरेश रैना की इसमें वापसी हुई है.
धोनी को टॉप कैटेगरी में नहीं रखने के बारे में पूछे जाने पर बीसीसीआई के एक टॉप अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि चयनकर्ताओं ने यह बहुत आसान तरीका अपनाया है. अधिक मैच खेलो और अधिक वेतन पाओ. जिन पांच क्रिकेटरों को टॉप कैटेगरी में रखा गया है वे अभी तीनों प्रारूप में खेल रहे हैं. वे ज्यादा वेतन पाने के हकदार हैं. रवि शास्त्री, कोहली और धोनी को भी विश्वास में लिया गया है.
ग्रेड ए की दूसरी कैटेगरी के खिलाड़ियों पर उन्होंने कहा कि इस श्रेणी में वे खिलाड़ी शामिल हैं जिनका एक प्रारूप में खेलना तय है जैसे साहा और पुजारा. धोनी टेस्ट से संन्यास ले चुके हैं और अश्विन और जडेजा सीमित ओवरों में चयन के दावेदार नहीं रह गए हैं. वे अभी विश्व कप कार्यक्रम में शामिल नहीं हैं और इसलिए उन्हें दूसरी श्रेणी में रखा गया है.
केएल राहुल, उमेश यादव, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, हार्दिक पंड्या, इशांत शर्मा और दिनेश कार्तिक को बी श्रेणी में रखा गया है जिनका वार्षिक अनुबंध तीन करोड़ रुपये का होगा. एक करोड़ रुपये की सालाना अनुबंध वाली ग्रेड सी श्रेणी में केदार जाधव, मनीष पांडे, अक्षर पटेल, करूण नायर, सुरेश रैना, पार्थिव पटेल और जयंत यादव शामिल हैं. बीसीसीआई अधिकारी ने कहा कि इस तीसरी श्रेणी( ग्रुप बी) में वे खिलाड़ी शामिल हैं जिन्हें किसी भी प्रारूप में टीम में रखा जा सकता है जबकि जिन खिलाड़ियों ने पिछले साल में भारत की तरफ से कम से कम एक मैच खेला है उन्हें ग्रेड सी में रखा गया है.
यह सालाना अनुबंध अक्तूबर2017 से सितंबर2018 के लिए होगा. पहले टॉप कैटेगरी के लिए सालाना अनुबंध दो करोड़ रुपये था जिसे 350 प्रतिशत की बढ़ोतरी करके सात करोड़ रुपये कर दिया गया है. दूसरी कैटेगरी में 500 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है और यह अब पांच करोड़ रुपये हो गई है. घरेलू क्रिकेटरों के लिए भी अच्छी खबर है. अब अंतिम एकादश में शामिल खिलाड़ियों को एक दिन का मैच शुल्क 35 हजार रुपये मिलेगा. इस तरह से उन्हें चार दिवसीय मैच के लिए एक लाख 40 हजार रुपये मिलेंगे जबकि इससे पहले उन्हें केवल 40 हजार रुपये मिलते थे. इसमें अगर टीवी अधिकारों से मिलने वाली धनराशि भी जोड़ दी जाए तो उनकी मैच फीस तीन लाख रुपये प्रति मैच से अधिक हो जाएगी.