चुनाव को लोकतंत्र का पर्व कहा जाता है क्योंकि चुनी हुई सरकारों के द्वारा ही जनता के लिए विकास कार्य और आधारभूत ढांचा तैयार करने का काम किया जाता है. लोकतंत्र में चुनाव के जरिए सरकार चुनी जाती है लेकिन क्या किसी परिवार में बच्चे का नाम रखने के लिए भी चुनाव कराया जा सकता है. शायद आपने यह सुना नहीं होगा लेकिन महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में ऐसा ही हुआ है.
यहां एक एक दंपति ने अपने नवजात बच्चे का नाम रखने के लिए अपने परिजनों, मित्रों और रिश्तेदारों के बीच मतदान कराया. मिथुन और मानसी बांग ने 5 अप्रैल को जन्मे बच्चे के नाम पर फैसला करने के लिए अनोखा तरीका अपनाया. उन्होंने मतदाता के रूप में परिजनों, मित्रों और रिश्तेदारों को शामिल किया और उसके बाद 15 जून को वोटिंग कराई गई.
दरअसल परिजनों और रिश्तेदारों ने बच्चे के लिए तीन नामों का सुझाव दिया था और दंपति ने नाम पर फैसले के लिए बैलेट पेपर का प्रयोग किया जिसमें सुझाव वाले तीनों नाम मौजूद थे. खास बात यह है कि कार्यक्रम में मौजूद लोगों में पूर्व सांसद नाना पटोले भी शामिल थे जिनके इस्तीफे के कारण 28 मई को गोंदिया में उपचुनाव कराया गया था.