गुरु प्रदोष व्रत आज, नोट करें पूजा मुहूर्त

हिंदू धर्म में गुरु प्रदोष व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। इस व्रत को करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। आज यानी 28 नवंबर को मार्गशीर्ष मास का पहला प्रदोष व्रत (Guru Pradosh Vrat 2024) रखा जा रहा है जो बेहद फलदायी है तो चलिए इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी यहां जानते हैं।

गुरु प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है, जो अपने आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भक्त कठिन उपवास का पालन करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। इस उपवास को करने से शिव परिवार की कृपा सदैव के लिए प्राप्त होती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस माह प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) आज यानी 28 नवंबर, 2024 को मनाया जा रहा है, तो आइए इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी जानते हैं।

प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त (Guru Pradosh Vrat 2024 Puja Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार प्रदोष व्रत के दिन सौभाग्य योग का शुभ संयोग बन रहा है। 28 नवंबर यानी आज की शाम 4 बजकर 1 मिनट तक यह शुभ योग रहेगा। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से 02 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 21 मिनट से 05 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप शिव पूजन कर सकते हैं।

शिव जी के प्रिय भोग (Guru Pradosh Vrat 2024 Bhog)
ठंडाई, लस्सी, खीर और सफेद मिठाई।

शिव जी प्रिय पुष्प (Shiv Ji Priya Pushpa)
सफेद मदार, कनेर या आक के फूल।

प्रदोष व्रत पूजा विधि ( Guru Pradosh Vrat 2024 Rituals)
ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करें। पूजा को शुरू करने से पहले मंदिर को अच्छी तरह से साफ कर लें। फिर भगवान शंकर की प्रतिमा और शिवलिंग का जलाभिषेक करें। अलग-अलग फूल, बेलपत्र, भांग और धतूरा आदि चीजें चढ़ाएं। पुरुष भक्त शिवलिंग पर जनेऊ चढ़ा सकते हैं, लेकिन महिलाओं को जनेऊ नहीं चढ़ाना चाहिए। फिर सफेद चंदन से शिव जी के माथे पर त्रिपुंड बनाएं। देसी घी का दीपक जलाएं और खीर का भोग लगाएं। रुद्राक्ष की माला से “महामृत्युंजय मंत्र” का 108 बार जाप करें।

इसके अलावा भगवान शिव को अक्षत, मीठा पान, मौसमी फल चढ़ाएं। वहीं महिलाएं सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए माता पार्वती को शृंगार की सामग्री चढ़ाएं। आरती से पूजा को पूर्ण करें।

भगवान शंकर के मंत्र (Guru Pradosh Vrat 2024 Mantra)

ॐ नमः शिवाय।
ॐ पार्वतीपतये नमः।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

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